फिल्म गली ब्वाय पर चली सेंसर बोर्ड की कैंची

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मुंबई,  पहलाज निहलानी के दौर में सेंसर बोर्ड संस्कारों के नाम पर फिल्मों के सीन और शब्दों पर कैंची चलाने के लिए बदनाम था। इसे लेकर कई बार सेंसर बोर्ड और फिल्म निर्माताओं के बीच टकराव की नौबत भी आई।

प्रसून जोशी के सेंसर बोर्ड के चेयरमैन बनने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि सेंसर बोर्ड की कार्यशैली में बदलाव होगा, लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। इस शुक्रवार को रिलीज होने जा रही फरहान अख्तर की कंपनी में बनी फिल्म गली ब्वाय को भी सेंसर की कैंची का शिकार होना पड़ा है। बोर्ड ने इस फिल्म को 13 कट्स दिए हैं।

फिल्म में इस्तेमाल कई शब्दों को भी आपत्तिजनक मानते हुए उनको म्यूट करने को कहा है। फिल्म के निर्माता और फरहान अख्तर के पार्टनर रितेश सिधवानी ने सेंसर बोर्ड के फैसलों पर नाखुशी जताई है, लेकिन माना जा रहा है कि सेंसर बोर्ड के आदेश का पालन करते हुए इन बदलावों के लिए सहमति दे दी गई है।

टीम का कहना है कि फिल्म अगले शुक्रवार को रिलीज होने जा रही है, इसलिए सेंसर के फैसले के खिलाफ जाने के लिए वक्त नहीं है। खबरों के मुताबिक, इन कट्स को बदलने के बाद फिल्म को यू सार्टिफिकेट दिया जाएगा। मुंबई की झोपड़पट्टी के एक रैपर की सफलता की कहानी को लेकर बनी इस फिल्म में रणवीर सिंह और आलिया भट्ट मुख्य भूमिकाओं में हैं। ये जोड़ी पहली बार परदे पर नजर आएगी। रणवीर और आलिया ने इससे पहले कुछ विज्ञापन फिल्मों में जरुर साथ काम किया है।