लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार वो वक़्त पास आ ही गया,जब प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर भाग्य आजमाने उतरे 637 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कल दोहपर तक सबके सामने होगा।
11 मार्च को देश के पांच राज्यो के विधानसभा चुनावों के परिणाम सामने आएंगे। उत्तराखण्ड में मतगणना के लिए 15 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर करीब 11 हजार कर्मी मतगणना कार्य में लगेंगे। यह संख्या सुरक्षा कर्मियों से अलग है। वोट काउंटिंग के लिए 864 टेबल लगाई गई हैं। राज्य की निर्वाचन मशीनरी ने मतगणना के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
उत्तराखंड में देश के चार अन्य राज्यों के साथ 11 मार्च को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। राज्य में 69 सीटों पर 15 फरवरी को वोटिंग हुई थी, जबकि एक सीट पर 9 मार्च को मतदान हुआ था। सभी 70 सीटों के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे। राज्य की सभी 70 सीटों पर 62 महिला व दो तिहाई ट्रांसजेंडर प्रत्याशियों समेत कुल 637 प्रत्याशी मैदान में हैं। राज्य में कुल 10854 पोलिंग बूथों पर मतदान किया गया था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी की माने तो सभी मतगणना केन्द्रों पर सारी तैयारियां पूरी हो गई है। सबसे अधिक 22 राउंड में मतगणना कर्णप्रयाग सीट पर होगी, जबकि करीब आधा दर्जन सीटों पर 10-10 राउंड में ही वोटिंग की गिनती निपट जाएगी। सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तु दास ने बताया कि एक बार आरओ द्वारा परिणाम की घोषणा होने के बाद दोबारा मतगणना की अपील स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि शांतिपूर्ण और पारदर्शी मतगणना के लिए आयोग के निर्देशों के पालन के लिए मतगणना केंद्रों पर मतगणना एजेंटों और मतगणना कर्मियों को अलग रखने और ईवीएम की सुरक्षा के लिए बेरिकेडिंग की गई है और काटे वाली तारो से घेरा बनाया गया है। इसके साथ ही सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं साथ ही किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए मतगणना केंद्रों पर पूरी प्रक्रिया की वीडीयोग्राफ़ी भी की जाएगी। इवीएम ले जाने वाले कर्मीयों की पहचान के लिए उन्हें रंगीन बैज देने की व्यवस्था भी की गई है। सभी सम्बंधित अधिकारियो ने जायजा ले लिया है और उनके हिसाब से सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है।