शहरों में वार्ड बढ़ाने के लिए 15 मई तक प्रस्ताव मांगे

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राज्य में शहरी विकास विभाग ने सभी जिलाधिकारियों से 15 मई तक निकायों के सीमा विस्तार मांगे हैं। अप्रैल 2018 में प्रस्तावित निकाय चुनाव 2011 की जनगणना के आधार पर होंगे। निकायों के परिसीमन में 2011 की जनगणना के आंकड़े इस्तेमाल किए जाने से सभी निकायों में वार्ड संख्या बढ़नी तय है। कारण यह है कि बीते सालो में शहरी क्षेत्रों में आबादी तेजी से बड़ी है। खासकर मैदानी क्षेत्रों के निकायों की आबादी इस दौरान कई गुना बड़ी है, जिस कारण यहां वार्ड की संख्या बढ़नी तय है।
शहरी विकास के प्रभारी सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने सभी जिलाधिकारियों को नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के सीमा विस्तार और परिसीमन का कार्यक्रम भेज दिया है। आदेश में कहा गया है कि निकायों से सटे ग्रामीण क्षेत्र अब काफी विकसित हो चुके हैं। इन्हें जरूरत के अनुसार निकायों में शामिल किया जा सकता है। स्पष्ट किया गया है कि पिछली बार निकाय चुनाव अप्रैल 2013 मव हुए थे, तब तक 2011 की जनगणना के आंकड़े सावर्जनिक नहीं हुए थे। इस कारण तब 2001 की जनगणना आकड़ो के आधार पर वार्डो का परिसीमन कराया गया। लेकिन 2018 में प्रस्तावित चुनाव के लिए परिसीमन का आधार 2011 की जनगणना के आंकड़े होंगे। क्योंकि 2011 की जनगणना में भी ओबीसी की गिनती नहीं हो पाई है, इसलिए आरक्षण तय करने से पहले सभी निकाय ओबीसी का सर्वे भी करेंगे।
नगर निगम में फिलहाल अधिकतम वार्ड की संख्या 60 है। इसे 80 करने का प्रस्ताव शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में आ सकता है। इसके बाद सभी नगर निगमो में वार्ड बढ़ाने का निर्णय ही सकता है। ऋषिकेश को नगर निगम का दर्जा,भीमताल पालिका का सीमा विस्तार व हरिद्वार में डंडेरो को नगर पालिका का दर्जा देने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में आ सकता है।