अगले चार महीने में 179 आटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित हो जाएंगे। डॉप्लर रडार के लिए मसूरी, मुक्तेश्वर और पिथौरागढ़ में स्थल का चयन कर लिया गया है। स्थापित करने की प्रक्रिया 18 महीने में पूरी हो जाएगी, पहला डॉप्लर रडार मसूरी में लगाया जाएगा। यह जानकारी मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में भारतीय मौसम विभाग के उप महानिदेशक डॉ.डी.प्रधान के साथ विचार विमर्श के दौरान दी।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यात्रियों की सुविधा के लिए उन्हें मौसम की रियल टाइम जानकारी दी जाय, कहा कि मानसून से पहले आटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित कर दिए जाए। एसएमएस के अलावा यात्रा मार्ग पर जगह जगह डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया जाए। बताया गया कि आटोमेटिक वेदर स्टेशन लगने से रियल टाइम पूर्वानुमान करने में सुविधा होगी।
राज्य के हर ब्लॉक में स्टेशन की स्थापना होगी। इससे बाढ़, बारिश, हिमस्खलन, बादल फटने, तूफान, ओलावृष्टि की जानकारी मिल सकेगी। पर्यटन, खेती, बागवानी, आपदा से बचाव में मदद मिलेगी। स्टेशन के संचालन और तकनीकी सपोर्ट के लिए भारतीय मौसम विभाग से एमओयू किया गया है। स्टेशन का डेटा भारतीय मौसम विभाग के नेटवर्क से जुड़ जाएगा। हर 15 मिनट में मौसम के पूर्वानुमान का रियल टाइम डेटा मिलता रहेगा, बताया गया कि 7 आटोमेटिक वेदर स्टेशन को वीसैट और अन्य को जीपीआरएस से चलाया जाएगा। बताया गया कि इसमें 28 ऑटो रेन गेज, 25 एडवांस सरफेस ऑब्जरवेशन, 16 ऑटो स्नो गेज भी शामिल है।