पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (प.व.ज.प.मं.), भारत सरकार तथा राष्ट्रमण्डल वानिकी संगठन (सी.एफ.सी) के सहयोग से भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् के अंतर्गत वन अनुसंधान संस्थान (एफ.आर.आई), देहरादून 3 से 7 अप्रैल, 2017 तक एफ.आर.आई, देहरादून में 19वें राष्ट्रमंडल वानिकी सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।सम्मेलन की मुख्यतः ’’समृद्वि एवं भावी पीढी हेतु वानिकी’’ है। सम्मेलन के दौरान सुनियोजित 24 तकनीकी सत्रों में नीति एवं निर्णायकताओं, विषय विशेषज्ञों, अकादमीशियनों, वन प्रवेधकों, उद्योग जगत तथा गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाएगा। तकनीकी सत्र के दौरान विश्व के लगभग 600 शैक्षणिक विशेषज्ञों, वन कार्यकर्ताओं, वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण एवं विकास में कार्यरत एजेंसियों के प्रतिनिधियों द्वारा सहभागिता की जाएगी एवं वैज्ञानिक दस्तावेजों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। इस सम्मेलन में (अंतर्राष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान केन्द्र), (वन अनुसंधान संगठनों का अन्तर्राष्ट्रीय संघ), । (राष्ट्रमंडल वानिकी संगठन), (एकीकृत पर्वत विकास अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र), और (खाद्य एवं कृषि संगठन) जैसे कई अनेक विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान संगठनों के प्रमुख भी सहभागिता करेंगे।
केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, श्री अनिल माधव दवे, मुख्य अतिथि अपेक्षित हैं। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव, श्री अजय नारायण झा भी इसमें शिरकत करेंगे। मंत्रालय के वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव भी 3 अप्रैल, 2017 को उपस्थित रहेंगें। महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, निदेशक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आई.जी.एन.एफ.ए), देहरादून, निदेशक, भारतीय वन्य जीव संस्थान (डब्लू.आई.आई.), महानिदेशक, भारतीय वन सर्वेक्षण (एफ.एस.आई.) पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के और वरिष्ठ अधिकारीगण, भारतीय वन अनुसंधान शिक्षा परिषद्, वन अनुसंधान संस्थान, आई.जी.एन.एफ.ए. तथा राज्य वन सेवा केन्द्रीय अकादमी(कैशफोस), देहरादून भी सहभागिता करेंगे। देहरादून वन में स्थित संस्थानों की प्रतिभागिता भी रहेगी।राष्ट्रमंडल देशों के क्षमता निर्माण तथा जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण एवं क्षमता अनुकूलन के उद्देश्य से 19वें सी.एफ.सी. का आयोजन किया जा रहा है। सी.एफ.सी. में आजीविका उत्पादन, गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा तथा महिला सशक्तिकरण जैसे पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी। उद्घाटन सत्र में चार अधिवेशन सत्रों, एक पोस्टर सत्र तथा उन्नीस तकनीकी सत्रों को चलाया जाना सुनिश्चित किया गया है। साथ ही छः साईड ईवेन्ट एवं दो समानान्तर सत्र भी होंगे।
सम्मेलन में वानिकी क्षेत्र के लगभग 40 राष्ट्रमंडल देशों से तथा भारत सरकार व राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.) के 600 से भी अधिक प्रतिनिधियों के उपस्थित होने की आशा है।