चारधाम यात्राः ऋषिकेश से चारधाम के लिए पहला जत्था रवाना

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(ऋषिकेश) देवभूमि के प्रवेश द्वार ऋषिकेश से चार धाम यात्रा का विधिवत शुभारम्भ हो गया है।आज यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश से चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारम्भ हो गया है। उत्तराखंड के चार धाम यात्रा पर जाने वाले 22 यात्री बसों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखा कर यात्रा  के लिए रवाना किया गया। देश के विभिन हिस्सों  से आये तीर्थ यात्रियों ने भगवान बद्री विशाल का जयघोष कर यात्रा शुरु की। चारधाम यात्रा  के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियो का जमवाडा लगना शुरु हो गया है।ऋषिकेश से संयुक्त रोटेशन ने विधिवत रूप से यात्रियों का हार्दिक अभिनन्दन कर अथिथि देवो भवो की भावना के साथ यात्रा का सुभारम्भ किया। इस मौके पर मध्यप्रदेश और राजस्थान से आये लगभग 700 तीर्थ यात्रियों ने ऋषीकेश से अपनी चार धाम यात्रा प्रारंभ की। सभी यात्रियों में भगवान के दर्शन का उत्साह देखने लायक था।ऋषिकेश यात्रा टर्मिनल से 22 बसों में पहले जत्थे को हरी झंडी दिखा कर यात्रा के लिए रवाना किया गया।

इस मौके पर बोलते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया की चार धामयात्रा उत्तराखंड का गौरव है और हम सभी आने वाले तीर्थ यात्रियों का स्वागत करते है। आज यात्रियों के पहले दल को रवाना किया गया जो गंगोत्री धाम के दर्शन कर अपनी यात्रा का शुभारम्भ करेंगे। 2013 की आपदा से जहाँ चार धाम यात्रा पूरी तरह से ठहर गयी है इससे इस साल उम्मीद की जा रही है की पहले दिन से ही यात्रा अच्छी चले जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु देव भूमि पहुंचेंगे। ऐसे में यात्रा प्रशासन भी इस यात्रा को सफल बनाने में कोई कमी नहीं करना चाहता। इस बार पिछले सालों के मुकाबले अतिरिक्त बसों की मांग की गयी है साथ ही साथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सहूलियत के लिए भी मोबाइल वन और मौसम की फ़ोन पर अपडेट की सुविधा दी गयी है।

मीडिया से बात करते हुए बिओमेट्रिक अधिकारी प्रेमानंत  ने बताया की इस बार यात्रियों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी क्योंकि यात्रा को सफल बनाने के सरे काम किये गए है। अभी तक साढ़े पांच हजार ऑनलाइन रजिस्ट्रशन हुए है और यात्री बड़ी संख्या में यहाँ पहुंच रहे है। विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा का विधिवत शुभारम्भ ऋषिकेश से हो गया है। बड़े उत्साह के साथ तीर्थ यात्री भगवान के दर्शन के लिए यात्रा प्रारंभ कर चुके है ,यात्रा विभिन्न पड़ाव से होते हुए चार धाम तक पहुंचेगी और 10 दिनों में यात्री देव दर्शन कर वापस ऋषिकेश लौटेंगे।