बजट सत्र: विपक्ष की गैर मौजूदगी में दो विधेयक पारित

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चारधाम

विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन विपक्ष की गैरमौजूदगी में दो विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए। इनमें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (संशोधन) और हिमालयी विश्वविद्यालय विधेयक शामिल हैं। ये मंगलवार को सदन में पेश हुए थे।

गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के मसले को लेकर विपक्षी कांग्रेस विधायकों द्वारा हंगामे के बाद सदन से वाकआउट कर दिया गया था। इसके बाद सदन की कार्यवाही विपक्ष की गैरमौजूदगी में चली। इसी दौरान संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने आर्थिक सर्वेक्षण को सदन के पटल पर रखा। इसके बाद मंगलवार को पेश हुए दोनों विधेयकों को चर्चा के बाद पारित कर दिया गया।

इससे पहले विधायक चंदनरामदास, सुरेंद्र नेगी व देशराज कर्णवाल के विशेषाधिकार की अवहेलना से संबंधित प्रश्नों को पीठ ने अस्वीकार कर दिया। इसके अलावा विधायक धन सिंह नेगी, राम सिंह कैड़ा की ओर से विभिन्न विषयों पर याचिकाएं प्रस्तुत की गई।

डॉक्टरों की तैनाती को लेकर सरकार गंभीर

विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने टिहरी जिले में विश्व बैंक परियोजना के तहत बने जिला अस्पताल बौराड़ी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवप्रयाग व बेलेश्वर से डॉक्टरों के स्थानांतरण का मसला उठाते हुए इस पर नियम 58 में चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि डॉक्टर न होने के कारण क्षेत्र के लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों में भी उपचार के लिए देहरादून, ऋषिकेश की दौड़ लगानी पड़ रही है। इससे क्षेत्रवासियों में आक्रोश है। संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि इन अस्पताल भवनों का हस्तांतरण स्वास्थ्य विभाग को हुआ है। इनमें कार्यरत 22 चिकित्सक अब स्वास्थ्य विभाग की समिति के अंतर्गत लिए गए हैं। ऐसे में जब ये बात सामने आई कि इनके तबादले से व्यवस्था चरमरा सकती है तो एक जनवरी को निर्देश जारी किए गए कि स्थानांतरण न किए जाएं। लिहाजा, कोई ट्रांसफर नहीं हुआ है।

ममता और देशराज में नोकझोंक 

सुबह सदन की कार्यवाही होते ही जब कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू किया तो उस दौरान कांग्रेस विधायक ममता राकेश और भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल के मध्य नोकझोंक हो गई। विधायक देशराज का कहना था कि गन्ना किसानों की समस्या को लेकर प्रश्न लगे हैं। आप क्यों नहीं लगाते। इसी बात पर दोनों हल्की बहस भी हुई।

भाजपा विधायकों ने जताई क्षेत्रीय असंतुलन पर चिंता

राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए भाजपा विधायकों ने जहां एक ओर सरकार के कामकाज की तारीफ की तो वहीं सदन में पेश की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में दर्शाए गए आर्थिक असंतुलन पर भी चिंता जताई। भाजपा विधायकों ने इस दौरान सरकार का ध्यान पर्वतीय जिलों की समस्याओं की ओर आकर्षित करते हुए इनके शीघ्र निस्तारण की अपेक्षा की। बुधवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में राज्य के विकास को नई दिशा देने का काम किया गया है।

इसमें पलायन रोकने के लिए सरकार की गंभीरता नजर आती है। सरकार को शाबासी देने के साथ ही उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के कुछ पहलुओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में इंगित क्षेत्रीय असंतुलन खतरे की घंटी है। हरिद्वार में जहां प्रति व्यक्ति आय 2.5 लाख रुपये है वहीं, रुद्रप्रयाग में यह केवल 83.52 हजार है। यह बढ़ता अंतर चिंताजनक है। इसी तरह ऋण जमा अनुपात का अंतर चिंता पैदा करता है। विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि ऑल वेदर रोड में जिस तरह काम हो रहा है उससे अगले वर्ष चारधाम यात्रा में इस वर्ष की तुलना में दोगुना यात्री आएंगे, जिससे स्थानीय निवासियों के कारोबार में वृद्धि होगी। उन्होंने मांग की कि जिन गांवों में अभी तक सड़क न पहुंची हो वहां विद्यालयों को बंद न किया जाए।

इसके साथ ही अटल खाद्यान्न योजना पर उन्होंने असंतोष जताया। उन्होंने प्रदेश की बंद पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं को भी खोलने की वकालत की। जिन खेतों में रेता बजरी आई है वहां उठान की अनुमति देने की भी पैरवी की। विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि खेलों में युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए भारोत्तोलन, डाइविंग व जिमनास्टिक जैसे खेलों की तरफ भी ध्यान देना होगा। विधायक दिलीप रावत व मीना गंगोला ने धन्यवाद भाषण के प्रस्ताव पर सरकार के कार्यो को प्रदेश के विकास में गति देने वाला बताया।

जंगली जानवरों के कारण कृषि क्षेत्र की कमी का हो आर्थिक सर्वेक्षण विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के साढ़े आठ जिले पर्वतीय क्षेत्र में आते हैं। सरकार ने यहां कृषि को बढ़ावा देने की नीति बनाई है। बंदर व सूअर से खेती को खासा नुकसान हो रहा है। एक सर्वेक्षण होना चाहिए कि इनकी वजह से कितना कृषि क्षेत्र कम हुआ है। पर्वतीय क्षेत्रों के लिए इस तरह के प्रावधान होना चाहिए कि कृषक दोबारा खेती की ओर आकृषित हों और पलायन रुक सके। उन्होंने गैरसैंण में जल्द मिनी सचिवालय खोलने व मुख्यमंत्री का एक कैंप कार्यालय स्थापित करने के साथ ही विधानसभा के लिए भूमि देने वाले गांवों को सड़क से जोड़ने का अनुरोध किया।