हरिद्वार। जहरीली शराब से मरने वाले का आंकड़ा 20 पर पहुंच गया है। प्रशासन की ओर से निजी चिकित्सकों की मदद से घायलों का इलाज कराया जा रहा है। वहीं शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए ज्वाइंट टीम गठित कर दी गई है। मजिस्ट्रेट, पुलिस और आबकारी की संयुक्त टीम शराब तस्करों पर छापेमारी करेगी। अवैध हो या कच्ची शराब तस्करों को जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। मृतकों की मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पाएगी।
जिलाधिकारी दीपक रावत ने डामकोठी में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जहरीली शराब से मरने वाले ग्रामीणों की संख्या 20 बताई है। इसके अलावा उन्होंने शराब तस्करों पर नकेल कसने की बात भी है। वहीं, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि पुलिस शराब माफिया पर छापेमारी कर रही है। विभिन्न अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है। यूपी के सहारनपुर की पुलिस के साथ हरिद्वार पुलिस संयुक्त रूप से अभियान चलाकर शराब की भट्टियों को नष्ट करने की मुहिम चला रही है। रानीपुर कोतवाली पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद की है। इस अभियान को निरंतर चलाया जायेगा। हरिद्वार में शराब माफिया को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सूत्रों से जानकारी मिली है कि मरने वालों की संख्या ज्यादा है।
हादसे के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और राज्यपाल बेबी रानी मौर्य समेत पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, वित्त मंत्री प्रकाश पंत, भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट आदि ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सीएम ने सभी प्रभावितों के इलाज के लिए जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही शासन ने आबकारी विभाग के 13 और पुलिस विभाग के चार कार्मिकों को निलंबित किया है। शासन ने मामले की मजिस्ट्रीयल जांच के भी आदेश दिए हैं। कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की मांग की है, हालांकि अभी तक सरकार की ओर से किसी प्रकार के मुआवजे की घोषणा नहीं की है।
शुक्रवार को एक तेहरवीं में शामिल हुए अलग-अलग गांवों के पचास से अधिक लोगों ने स्थानीय स्तर पर बनाई गई देशी शराब का सेवन किया था। इनमें से 14 की मौत हो गई, जबकि 36 से ज्यादा का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन से लेकर राजधानी देहरादून तक में हड़कंप मच गया। तत्काल पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और मामले की जानकारी ली। इसके साथ ही सीएम व आबकारी आयुक्त समेत तमाम अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं। जिलाधिकारी दीपक रावत और एसएसपी जन्मेजय खंडूरी मौके पर कैंप कर रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट दीपक रावत ने बताया कि रुडकी तहसील भगवानपुर के अन्तर्गत ग्राम बालुपुर बिन्दुखडक, भलस्वागाज एवं ग्राम जहाजगढ में अवैद्य शराब के पीने से 14 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। इन व्यक्तियो की मृत्यु के कारणों की जांच के लिए मजिस्ट्रीयल जांच को आवश्यक देखते हुए उपरोक्त घटना की मजिस्ट्रीयल जांच अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) हरिद्वार को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जांच अधिकारी एक पक्ष के अन्दर मजिस्ट्रीयल जांच पूर्ण कर विस्तृत आख्या जिला मजिस्ट्रेट को उपलब्ध कराएं।
जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार मरने वालों में 40 साल से 55 साल उम्र तक के ग्रामीण शामिल हैं। मृतकों में राजकुमार (35 वर्ष) पुत्र राजपाल, विश्वास (30 वर्ष) पुत्र रतिराम, जसवीर (45 वर्ष) पुत्र सिताब, चरण सिंह पुत्र मुल्तान, धनीराम (57 वर्ष), संजय (46 वर्ष) पुत्र मामराज, धनीराम (45) पुत्र जवाहर, मांगे राम (40 वर्ष) पुत्र बलजीत, ज्ञान सिंह (56 साल) पुत्र जीराम, सोराज (40 पुत्र) सुमेर सिंह, चंद्र (50 वर्ष) पुत्र मेहर सिंह, ध्यान सिंह (30 पुत्र) हरपाल, नरेश (48) व जाहरू (50) पुत्रगण सिमर शामिल हैं। ये ग्रामीण ग्राम बालूपुर, बिंदु, जहाजगढ़, तेजजूपुर, भलस्वागाज आदि के रहने वाले हैं। जबकि सेठ पाल, सुशील, संजय, कुलदीप, धनीराम सहित 40 लोग आस पास के निजी अस्पतालों में भर्ती बताए जा रहे हैं।
आबकारी निरीक्षक समेत 13 निलंबित
अवैध शराब के सेवन के बाद 14 लोगों की मौतों की घटना से नाराज प्रमुख सचिव आबकारी आनंदवर्धन ने आबकारी निरीक्षक समेत 13 लोगों को निलंबित कर दिया। सभी को तत्काल मुख्यालय ज्वाइन करने के आदेश दिये गए हैं। चेकिंग, प्रवर्तन के मामले में सभी लापरवाह पाए गए। इसके साथ ही चार पुलिस कर्मियों को भी निलंबित किया गया है।
मुख्यामंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि रुड़की में अवैध शराब से हुई मौतों का मामला सामने आया है। सरकार ने संबंधित आबकारी विभाग के 13 अधिकारियों एवं 4 पुलिस कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और साथ ही घायलों के उपचार के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि इस हृदयविदारक घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं है। घटना में बीमार लोगों के उपचार व उनकी जान बचाने के सभी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए हैं।
घटिया शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जहरीली शराब पीने से हुई ग्रामीणों की मौत के मामले में उत्तराखंड सरकार को कटघरे में खड़ा किया हैं। उन्होंने उत्तराखंड प्रदेश में जहरीली शराब और घटिया शराब के प्रचलन में होने की बात कही। इसी के साथ मृत परिवारों के लिए सरकार से मुआवजे की मांग भी की। उन्होंने सरकार को नसीहत देते हुए प्रदेश भर में मुहिम चलाकर जहरीली शराब और घटिया शराब वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की।
हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र के आसपास के कुछ गांवों में जहरीली शराब के सेवन से करीब 13 लोगों की मौत की खबर आग की तरह फैल गई। जब ये खबर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मिली तो उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बिंदुखड़क, भगवानपुर में जहरीली शराब पीने से कुछ लोगों की मौत और कुछ लोगों के गंभीर होने की घटना से वह आहत हैं। जहरीली शराब का प्रचलन और घटिया शराब का प्रचलन उत्तराखंड में बढ़ता जा रहा है। सरकार ना केवल मृतक परिवारों को मुआवजा दें बल्कि जो लोग प्रभावित हैं उनका इलाज भी कराए। और नकली व घटिया शराब बेचने वालों के खिलाफ राज्य भर में मुहिम चलाए।