देहरादून, प्रदेश के लगभग ढाई हजार विद्यालयों पर बंदी की मार पड़ने वाली है। उत्तराखड के गढ़वाल और कुमाऊं में सरकार ऐसे स्कूलों को बंद करेगी, जहां छात्रों की संख्या 10 से कम है। एक मोटे आंकलन के अनुसार इस श्रेणी में 2430 स्कूल आ रहे हैं। विधानसभा सत्र के दौरान यह जानकारी शिक्षा मंत्री की ओर से दी गई।
पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकांश विद्यालयों पर ताला लटकने की नौबत आ गई है। उत्तराखंड बनने के बाद सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत से ज्यादा घटी है, जिसके कारण शिक्षा विभाग ने दस या इससे कम छात्र संख्या वाले ऐसे विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों में मिलाने के आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार राज्य में 560 सरकारी प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर हाल में हैं। 9478 विद्यालय भवन काफी पुराने हो गए हैं, लेकिन प्रदेश बनने के बाद से इन विद्यालयों की मरम्मत नहीं हुई, जिसके कारण समस्या धीरे-धीरे गंभीर होती जा रही है।
अब सरकार ने भी माना है कि कम छात्रों की संख्या वाले विद्यालयों को अन्य विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। आंकड़ों के अनुसार 560 जर्जर विद्यालय भवनों में से 125 विद्यालयों में छात्र संख्या 10 से कम है। ऐसे में इनका बंद होना तय माना जा रहा है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि जर्जर हाल 560 प्राथमिक विद्यालय भवनों में से 435 के भवन निर्माण और मरम्मत के लिए राज्य सेक्टर, जिला योजना एवं सर्व शिक्षा अभियान के तहत निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।