एक्टिव सर्वे न करने वाली जिले की 264 आशा वर्कर बर्खास्त, नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू

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आशा
(चम्पावत)  कोरोना के मद्देनजर एक्टिव सर्वे नहीं करने वाली चम्पावत जिले की 264 आशा कार्यकर्ताओं को बर्खास्त कर दिया है। सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी ने आशा कार्यक्रम के जिला समन्वयक सहित सभी ब्लाकों के चिकित्साधिकारियों को नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
आशा कार्यकर्ताओं को चम्पावत जिले की 313 ग्राम पंचायतों के 656 गांवों में घर-घर जाकर जून माह में एक्टिव सर्वे करना था। इसके तहत 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, दस साल तक के बच्चों को बुखार, खांसी आदि बीमारियों का ऑनलाइन सर्वे करना था। इस सर्वे को 30 जून तक पूरा किया जाना था, लेकिन जिले के ज्यादातर हिस्सों में ये काम शुरू ही नहीं हुआ। आशा कार्यकर्ता संगठन ने सुविधाओं की कमी और काम की अधिकता के चलते इस काम को नहीं करने का ऐलान किया था। अतिरिक्त सुविधाओं के बगैर काम नहीं करने के इस निर्णय पर वे अंत तक कायम भी रहीं। सीएमओ डाॅ. खंडूरी ने बताया कि सर्वे करने को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को 12 मई, 14 जून और 27 जून को पत्र भेजे गए, लेकिन फिर भी उन्होंने काम की अनदेखी जारी रखी। जिले की 349 आशा कार्यकर्ताओं में से सिर्फ 85 ने सर्वे का काम किया। सीएमओ ने बताया है कि गुरुवार को हुई समीक्षा बैठक में डीएम की ओर से दिए निर्देश के क्रम में आशाओं को हटाने और नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके चलते नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया गया है।
आशा वर्कर संगठन की चम्पावत ब्लाक अध्यक्ष रुकमणि जोशी का कहना है कि आशा कार्यकर्ता ऑफलाइन सर्वे के लिए तैयार हैं। लेकिन विभाग ने ऑनलाइन सर्वे का आदेश दिया है। ऑनलाइन सर्वे के लिए न तो स्मार्ट फोन दिया गया है और न ही डाटा उपलब्ध कराया गया। ऐसी स्थित में वे सर्वे नहीं कर सकती हैं। इसे लेकर आशा कार्यकर्ता शुक्रवार को प्रदर्शन करेंगी। विभाग फोन और प्रशिक्षण देगा, तो हम सर्वे करेंगे। हम तीन माह से कोरोना के दौर में लगातार ड्यूटी दे रहे हैं।
जिलाधिकारी सुरेंद्र नारायण पांडे ने बताया कि कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं का सर्वे नहीं करने का निर्णय कतई ठीक नहीं है। आशा कार्यकर्ताओं का तीन साल पुराना बकाया भी दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि देने का भी ऐलान किया गया है। काम नहीं करने वाली आशा कार्यकर्ताओं के स्थान पर नई आशा कार्यकर्ताओं को रखने का स्वास्थ्य विभाग के स्तर से निर्णय लिया गया है।