अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने कहा कि रोडवेज बस अड्डे को सराय में स्थान्तरित नहीं होने दिया जायेगा, क्योंकि महाकुंभ मेले में करोड़ों यात्री गंगा में स्नान करने आता है और हरिद्वार धार्मिक नगरी ऋषि मुनियों की नगरी कहलाती है। मगर कुछ भू-माफिया वहां से बस अड्डे को हटाकर होटल बनाना चाहते हैं। ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि ने उत्तराखण्ड सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हरिद्वार में लाखों यात्री रोज आस्था लेकर गंगे मैया में स्नान करने आता है। अगर बस अड्डा ग्राम सराय चला गया तो यात्रियों का हाल बेहाल हो जायेगा और उन्हें कितने कष्टों का सामना करना पड़ेगा। इसका अंदाजा शायद सरकार को नहीं है। अगर सरकार चाहती है कि बस अड्डा यहां से हटाया जाये तो रोडवेज बस अड्डे को ऋषिकुल मैदान में स्थान्तरित किया जा सकता है। मगर किसी भी सूरत में बस अड्डे को सराय गांव में नहीं जाने दिया जायेगा।
श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने उन कथा वाचकों पर सख्त नाराजगी जताई जो अपने आपको राष्ट्रीय संत लिखते हैं और कथा वाचक अपने नाम के आगे संत शब्द का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि केवल संत ही संत लिख सकता है पर कोई कथावाचक अब अपने आपको राष्ट्रीय संत ना लिखे अन्यथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही करेगी।
श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि ने फर्जी बाबाओं पर फिर से अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अब फर्जी बाबाओं की दूसरी लिस्ट दीपावली के बाद जारी की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वामी अच्युतानंद तीर्थ से हमारा कोई द्वेष नहीं है। वह हमारी संत परम्परा के ही सन्यासी हैं। हमारा विरोध तो केवल फर्जी शंकराचार्यों के खिलाफ हैं और भारत में जगदगुरू शंकराचार्यों की चार ही पीठ मानी जाती हैं और वहीं पीठ मानी जायेगी। अर्द्धकुंभ मेलों और महापर्वों कुंभ पर उन्हीं चारों पीठों के शंकराचार्यो को मान्यता दी जायेगी। वैसे देश में सभी संत हमारे पूजनीय हैं और हम सबका आदर सत्कार करते हैं। मगर देश में अनर्थ फैला रहे फर्जी बाबाओं को अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और उनके खिलाफ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सख्त से सख्त कार्यवाही करेगी, जिससे धर्म के नाम को कोई भी कथित संत कलंकित न कर सके।
भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी प्रदेश अध्यक्ष महंत देवानंद सरस्वती, दक्षिण कालीकापीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी, महंत रविन्द्र पुरी, निर्मल अखाड़े के सचिव महंत बलवंत सिंह ने भी बस अड्डा हरिद्वार से हटाये जाने का विरोध जताया है।
इस अवसर पर महंत रामानंद पुरी, म.म. स्वामी कृष्णानंद, संत समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वामी रामस्वरूप ब्रह्मचारी, स्वामी प्रकाशानंद, महंत मोहनदास, महंत सुखदेव मुनि, षड़दर्शन साधु समाज मुखिया महंत भगतराम, स्वामी कपिल मुनि, स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी हरिचेतनानंद, महंत डोगरगिरि सहित स्वामी आशुतोष गिरि, आदि उपस्थित रहे।