आज से बंद हो जायेंगे 39 शहरी प्राथमिक स्वास्थय केंद्र

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    देहरादून, राज्य सरकार राज्य के गरीब और जरुरत मंद लोगो के लिए चलाये जाने वाली योजनाओ के प्रति कितनी गंभीर है इसका एक नमूना राज्य स्थापना दिवस पर देखने को मिल गया था। जब पूरा उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के जश्न में डूबा था उसी दिन जरुरत मंदों के लिए चलाई जाने वाली मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना बंद हो गयी थी। ऐसा ही उदहारण एक बार फिर सामने आया है जब पूरी सरकार एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है, वंही राष्ट्रीय शहरी स्वाथ्य मिशन द्वारा संचालित 39 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को बंद करने का सरकारी आदेश जारी हो गया है।

    अब शहरों में गरीबी रेखा से निचे जीने वाले लोगों को स्वस्थ्य सेवाए नहीं मिल पाएंगी और न ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का क्रियान्वयन हो पायेगा। राष्ट्रीय शहरी स्वाथ्य मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर ने 39 केन्द्रों को 31 मार्च 2018 को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है की केंद्र सरकार ने इन केन्द्रों के लिए पैसा देने से मना कर दिया है। डबल इंजन की सरकार में गरीब जनता के लिए चलाई जा रही योजनाओं का बंद होना राज्य सरकार की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। क्या इसी तरह राज्य में लगातार जनता को ही झटके दिए जाएंगे या फिर उनकी प्रगति के लिए भी सरकार कुछ ठोस कदम उठाएगी।

    केंद्र कि मोदी सरकार के नाम पर जीत कर आए उत्तराखंड के नेता अब उत्तराखंड को ही चोट पहुंचाने पर लगे हुए हैं और केंद्र इसमें नमक छिड़कने का काम करता जा रहा है। पहले से चल रही योजनाओं को ठंडे बस्ते में जरूर डाल दिया गया, क्या यही तैयारी है 2019 की कौन से विकास के सहारे भाजपा अपनी अगली पारी खेली यह देखने वाली बात है।