42 करोड का हंगामा है कैसा बरपा

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पिछले कुछ दिनों से 42 करोड की चर्चा शहर के हर नागरिक की जुबां पर थी।क्या था मामला 42 करोड का और क्यों चर्चा में था ये भले ही किसी को पता नहीं था मगर लिखने वाले ने वाट्स्प के एक ग्रुप पर मेसेज भेज कर 42 करोड की चर्चा को आम कर दिया। जिसमें एक व्यापारी का नाम लिखे बगैर ही कहा गया था कि जल्द ही एक व्यापारी द्वारा किया गया 42 करोड का घोटाला खोला जाएगा। इस मैसेज के बाद कई चर्चाएं जोरों पर थी, वहीं मामले का खुलासा तब हुआ जब एक व्यापारी शक्ति अग्रवाल ने विधायक के करीबी माने जाने वाले दुसरे व्यापारी के खिलाफ रंगदारी और जान से मारने की धमकी देने की तहरीर दी। शक्ति ने बताया कि कुछ दिन पूर्व उसके द्वारा एक प्रापर्टी खरीदी गयी थी जिसमें अपनी ऊची रसूक दिखाकर दुसरे व्यापारी द्वारा 35 लाख की मांग की गयी थी, साथ ही दुकान की भी मांग रखी गयी थी, जब इसका विरोध सक्ति द्वारा किया गया तो दुसरे व्यापारी ने जान से मारने की धमकी तक दे डाली। जिसके बाद फोन काल रिकार्डिंग के आधार पर शक्ति ने सुरक्षा की मांग करते हुए पुलिस से कार्यवाही की मांग की है, जबकि दुसरे पक्ष ने भी पुलिस से इस मामले की गम्भीरता से जांच करने के बाद कार्यवाही की बात कहीं है।
विधायक के करीबी पर रंगदारी का आरोप
काशीपुर में दो व्यापारियों की प्रतिष्पर्दा का विवाद इस कदर बढ गया कि मामला पुलिस तक पहुंच गया, जिससे शहर का महौल पूरी तरह से बिगड गया है। जहां एक पक्ष पर रंगदारी और जान से मारने का आरोप लगाया गया है दुसरे पक्ष ने आरोपों को निराधार बताया है। मामला 42 करोड की प्रापर्टी खरीद फरोक्त का है, जिसमें शक्ति अग्रवाल ने प्रापर्टी तो खरीदी मगर विधायक के करीबी माने जाने वाले दुसरे व्यापारी ने शक्ति को धमकाना शुरु कर दिया और प्रापर्टी में दस प्रतिशत की हिस्सेदारी और दुकान की मांग की,  जिसका शक्ति अग्रवाल ने विरोध किया तो विधायक के करीबी माने जाने वाले व्यापारी ने फोन पर जान से मारने की दमकी दी। जिसके बाद शहर के व्यापारियों के साथ एएसपी कार्यालय पहुंकर शक्ति अग्रवाल ने दुसरे व्यापारी के खिलाफ तहरीर देते हुए 35 लाख की रंगदारी और जान से मारने की धमकी देन की बात कहीं है। वहीं ऊंची रसूक रखने वाले विधायक के करीबी व्यापारी ने 35 लाख की मांग करते हुए उसमे और भी कई लोगों के शामिल होने की बात कहीं है। वहीं पुलिस फिलहाल दोनों पक्षों के इस मामले की जांच की बात कह रही है, जबकि इस मामले में देरी से हो रही कार्यवाही के पीछ नेताओं का दबाव माना जा रहा ह.।
पुलिस के सामने  कडी चुनोती
 
मीडिया से जुडा व्यापारी दिलप्रीत सेठी पर उन्ही के पडोसी व्यापारी ने रंगादारी और जान से मारने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच लम्बे समय से चल रही वार्ता के बाद जब लेनदेन नहीं हो पाया तो उंची रसूक और अपने राजनैतिक कनैक्शन का हवाला देते हुए शक्ति अग्रवाल को दमकाने का प्रयास किया गया, जिसके बाद मामला बढता चला गया और दोनों पक्ष आमने सामने हो गये। अब पुलिस के सामने कडी चुनोती ये है कि एक तरफ पुरा व्यापारी समाज शक्ति अग्रवाल के समर्थन में खडा है तो दुसरी तरफ कुछ मीडियाकर्मियों और विधायक का सहारा लेकर दिलप्रीत सेठी भी खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं, जबकि उनका कहना है कि शक्ति अग्रवाल उनसे व्यापारिक द्वेश रखता है यही कारण है कि वो मेरी छवि धुमिल करने का प्रयास कर रहा है, वहीं पुलिस के सामने भी असमंजस की स्तिथी बनी है।