चारधाम यात्रा को शुरू हुए अभी बमुश्किल एक महीने ही हुए हैं लेकिन अब तक कुल 53 श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान मौत हो चुकी है। केदारनाथ की यात्रा पर जाने वाले 21 श्रद्धालुओं की रास्ते में मौत हुई है जबकि यमुनोत्री और बद्रीनाथ जा रहे 16-16 श्रद्धालुओं की रास्ते में मौत हुई। ये आंकड़े बुधवार शाम तक के हैं। ज्यादातर मौतें हार्ट अटैक से हुई हैं। चारधाम यात्रा 28 अप्रैल को शुरू हुई थी।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मरने वाले श्रद्धालुओं में ज्यादातर की उम्र 62 से 81 साल के बीच थी। चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौतों के बढ़ते आंकड़े पर चिंता जताते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर डी.एस. रावत ने कहा, ‘हम अगले साल से हर राज्यों को चारधाम यात्रा के संबंध में अडवाइजरी जारी करने पर विचार कर रहे हैं। राज्यों से कहा जाएगा कि सिर्फ उन लोगों को यात्रा पर जाने की इजाजत दी जाए जिन्होंने जरूरी मेडिकल टेस्ट पास कर लिया हो। यह बुजुर्ग श्रद्धालुओं और बीमार लोगों पर खासतौर से लागू होगा।’
वहीं डॉक्टरों का मानना है कि अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर चारधाम यात्रा से पहले सभी तीर्थयात्रियों को फिटनेस स्क्रीनिंग को क्वॉलिफाइ करना अनिवार्य किया जाना चाहिए। चारधाम यात्रा के नोडल हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर तृप्ति बहुगुणा ने कहा, ‘अमरनाथ की समुद्र तल से ऊंचाई 3,888 मीटर है और केदारनाथ की ऊंचाई 3,553 मीटर है जो करीब-करीब बराबर है। इसके अलावा दोनों ही तीर्थस्थलों पर एक जैसी जलवायु है। इसलिए हम श्रद्धालुओं के लिए फिटनेस टेस्ट की सिफारिश करेंगे।’