तिब्बती समुदाय ने मनाया 58वा जनक्रांति वर्षगांठ

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    शुक्रवार को तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति की 58वीं वर्षगांठ पर बीजेपी की प्रदेश महिला संगठन की अध्यक्ष नीलम सहगल ने कहा कि वर्ष 1959 में आज ही के दिन सभी सामाजिक वर्गों के तिब्बती लोग चीन जनवादी गणतंत्र द्वारा तिब्बत पर अवैध कब्जे के खिलाफ एक शांतिपूर्ण जनक्रांति के लिए उठ खड़े हुए थे। नीलम ने यह भी कहा कि आज जब हम तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति की 58वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, तो इस अवसर पर हम उन सभी लोगो को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने तिब्बत देश के लिए संघर्ष में अपना जीवन बलिदान दिया है। आज तक वहां चीनी कब्जे के तहत करीब 10 लाख तिब्बती लोग बर्बाद हो गए है और करीब 98 फीसदी मठों को नष्ट कर दिया गया है और यह बहुत दुर्भाग्य की बात है।
    तिब्बत समुदाय के लिए आज शोक का दिन है, यह दिन सभी तीनो प्रांतो के तिब्बती परुषों एंव औरतों ने एक साथ “तिब्बत तिब्बतियों का है” के नारे के साथ मार्च निकाला था ।
    पिछले साल जून में भी अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वाईट हाउस में तिब्बती गुरु दलाई लामा से मुलाकात की और मध्यम मार्ग नीति पर बात की थी और साथ ही अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने भी यह भरोसा दिलाया कि ट्रम्प प्रशासन तिब्बत आंदोलन का समर्थन करता रहेगा और परम्परागत तरीके से गुरु दलाई लामा के प्रतिनिधियों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करता रहेगा।
    शुक्रवार को तिब्बत समुहदाय ने अपना शोक व्यक्त करते हुए देहरादून के लैंसडौन चौक से कनक चौक होते हुए परेड ग्राउंड का चक्कर लगा कर तिब्बत मार्किट के बुद्धा मंदिर में अपना जूलुस का समापन किया। तिब्बत समुदाय इस जूलूस से शोक व्यक्त करने के साथ ही सभी देशो के सरकार, नेताओं व तिब्बत समर्थको को धन्यवाद भी दिया।
    इस अवसर पर तिब्बत सपोर्टर अजय शर्मा, तिब्बती लोकल जस्टिस कमिश्नर लहादुप, लोकल तिब्बती एसेंबली के सेरिंग धोदुप भी शामिल रहे।