देहरादून। स्पीड गवर्नर की बाध्यता समाप्त करने की मांग को लेकर वाहन चालकों ने रविवार को भी आरटीओ के सम्मुख धरना दिया। चालकों ने मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है।
मैक्सी-कैब, टैक्सी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले वाहन चालक और मालिक संभागीय ने छठवें दिन भी परिवहन कार्यालय के सामने धरने पर बैठे रहे। चालकों ने वहां परिवहन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी कर स्पीड गवर्नर की बाध्यता को समाप्त करने की मांग की। यूनियन के अध्यक्ष शेर सिंह राणा ने कहा कि वर्तमान में मैक्सी कैब व टैक्सियों पर फिटनेस के समय स्पीड गवर्नर लगाया जा रहा है , जो बिल्कुल भी सही नहीं है। पहाड़ों में आमतौर हर पचास मीटर के बाद मोड़ आ जाते हैं। ऐसे में चालक अपने वाहन की स्पीड 40 से 50 किमी प्रति घंटा रखता है। ऐसे में स्पीड गवर्नर की बाध्यता को समाप्त कर देना चाहिए। इस डिवाइस को लगाने के लिए वाहन मालिक को बेवजह छह से 12 हजार रुपये की रकम चुकानी पड़ रही है। इसके अलावा मैक्सी कैब व टैक्सी की फिटनेस की अवधि कम से कम एक वर्ष होनी चाहिए। परमिट नवीनीकरण के समय लॉग बुक न भरे जाने के नाम पर भी जुर्माना लगाया जाता है, जिस पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसके अलावा लैग गार्ड आदि व्यवस्था को यथावत रखा जाए। पर्वतीय मार्गों पर साल भर चलने वाले वाहनों के लिए ग्रीनकार्ड की अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए। कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान वाहन स्वामी आंदोलन करना नहीं चाहते हैं। लेकिन, सरकार अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज करेगी तो यूनियन उग्र आंदोलन करने के लिए विवश हो जाएगी। इस मौके पर काफी संख्या में युनियन से जुड़े पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।