रुद्रप्रयाग, हिमालयी क्षेत्र की घाटियां शीतलहर की चपेट में है। तीन दिनों से भारी बर्फवारी और बारिश के कारण ठंड बढ़ गयी है। वहीं केदारनाथ धाम में सात फीट तक बर्फ पड़ने से तापमान माइनस 14 डिग्री चला गया है। बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को मार्ग बदं होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश और बर्फवारी के कारण जिले के दो प्रमुख मार्ग बुधवार को भी बंद हो गए।
जिले में तीन दिनों से बारिश और बर्फवारी का कहर जारी है। बारिश के कारण जहां लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, वहीं बर्फवारी से सड़क मार्ग बंद हो रहे हैं। ऐसे में समस्या बढ़ती जा रही है। केदारनाथ धाम में बर्फवारी से सात फीट तक बर्फ पड़ चुकी है, जिससे तापमान माइनस 14 डिग्री तक चला गया है। इसके अलावा पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गये हैं।
मजूदर और कर्मचारी बर्फ को पिघलाकर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। अब धाम में बर्फ को साफ करने के बाद निर्माण कार्य को शुरू किया जायेगा, इसके लिए बर्फवारी के बंद होने का इंतजार किया जा रहा है।
सुबह से ही के समय रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग के बांसबाड़ा में मलबा आने से राजमार्ग पांच घंटो तक बाधित रहा,जबकि ऊखीमठ-चोपता मार्ग पर पोतीबासर के पास बर्फ पड़ी होने से मार्ग बंद रहा, जिसे साफ करने में विभाग के पसीने छूट गये। जबकि बुधवार सायं बारिश रुकी हुई है।
पर्यटक बर्फ के दीदार करने को चोपता तो पहुंचे, मगर उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। चोपता क्षेत्र के कई जगहों पर भारी बर्फवारी से राजमार्ग बंद हो गया, जिसे देर शाम तक विभाग की मशीने बर्फ को साफ कर पायी। बर्फवारी व बारिश से जिले में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश और बर्फवारी के कारण त्रियुगीनारायण समेत कई इलाकों में दो दिनों से बिजली आपूर्ति भी ठप पड़ी है।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि, “बर्फवारी और बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा, लेकिन प्रशासन हर चुनौती का डटकर सामना करने को तैयार है। बताया कि बांसबाड़ा में मार्ग बंद होने पर कार्यदायी संस्थाओं को शीघ्र मार्ग खोलने के आदेश दिये गये, जबकि चोपता में बर्फवारी से बंद पड़े मार्ग को खोलकर पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है। भारी बरसात को देखते हुए ग्रामीण इलाकों में भी प्रशासन नजर बनाए हुए है।”