‘प्रदेशभर में जून से अब तक आपदा से 70 लोगों की मौत, तीन सौ करोड़ की क्षति’ 

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देहरादून,  प्रदेशभर में इस वर्ष 15 जून से 14 सितम्बर तक आपदा से संबंधित 1124 घटनायें हुई जिसमें 70 लोगों की मौत हुई है। जबकि 73 घायल और 4 लोग लापता हुए हैं। शनिवार को सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों एवं सभी जिलाधिकारियों के साथ आपदा से हुए नुकसान एवं राहत कार्यों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आपदा राहत एवं इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिये धन की कमी नहीं होने दी जायेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं से हुए नुकसान आदि के आंकलन, क्षतिपूर्ति, योजनाओं की मरम्मत में हुए वास्तविक व्यय का विवरण 30 सितम्बर तक शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा राहत एवं इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिय धन की कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा से लगभग 300 करोड़ रुपये की क्षति होने का अनुमान है।  नुकसान का पूर्ण विवरण 30 सितम्बर तक प्राप्त होने के बाद केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराई जायेगी।
उन्होंने निर्देश दिये कि आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, पेयजल, बिजली, विद्यालय भवनों की मरम्मत का कार्य त्वरित गति से पूर्ण किया जाए। उन्होंने चार धाम यात्रा आरम्भ होने की स्थिति का भी जायजा लिया तथा इसके लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं यथा समय पूर्ण करने को कहा। मुख्यमंत्री ने सेब की फसल को हुए नुकसान का आंकलन तथा सेब को बाजार तक लाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा, इसके लिये यदि अतिरिक्त धनराशि की जरूरत हो तो उसकी भी व्यवस्था की जायेगी।
आपदा से बेहतर बचाव के लिये महिला व युवक मंगल दलों को प्रशिक्षित करने तथा गावों में आपदा मित्रों की व्यवस्था के साथ ही जिन गांवों में संचार सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर डीएसटीपी की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने थराली व घाट क्षेत्र में भी एसडीआरएफ की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष 15 जून से 14 सितम्बर 2019 तक आपदा से संबंधित 1124 घटनायें हुई हैं, जिसमें 70 लोगों की मृत्यु, 73 घायल तथा 4 लोग लापता हुए हैं। 235 भवन पूर्ण क्षतिग्रसत तथा इतने ही आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। 92 बड़े तथा 356 छोटे पशुओं की हानि तथा 21 गोशालाओं को नुकसान हुआ है, जबकि आपदा से 205 पेयजल योजनाओं तथा 29 विद्युत लाइनों को नुकसान पहुंचा है।