उत्तराखंड के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश से राज्य की अधिकांश नदियां उफान पर हैं। बरसात की वजह से हुए भूस्खलन से बदरीनाथ हाइवे समेत तमाम रास्ते बंद हो गए हैं। गंगा और सहायक नदियों में तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है। कई स्थानों पर गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
हरिद्वार में शनिवार को गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश और हरिद्वार के गंगा के तटवर्ती इलाकों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। अलकनंदा नदी भी रौद्र रूप में है। हरिद्वार में दोपहर को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 294 मीटर से लगभग 30 सेंटीमीटर ऊपर था। भारी बरसात के कारण चंडी घाट पर बना नमामि गंगे घाट भी डूब गया है। गंगा में गाद आने के कारण गंग नहर को बंद कर दिया गया है।
चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में बरसात से नीती-माणा दर्रों का सड़क संपर्क कट गया है। बदरीनाथ और मलारी हाइवे कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। रैणी मे भूस्खलन हुआ है। मकानों मे दरारें पड़ने से ग्रामीण भयभीत हैं। चमोली-जोशीमठ के साथ ही जोशीमठ-बदरीनाथ व जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध है।
ऋषिकेश में भी पहाड़ों में लगातार बारिश से गंगा नदी का जलस्तर तेजी बढ़ रहा है। देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग और श्रीनगर में गंगा खतरे का निशान पार कर गई है। ऋषिकेश में सुबह गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया। गंगा की सहायक नदियां भी उफान पर हैं। लक्ष्मण झूला में गंगा घाट, त्रिवेणी घाट, मायाकुंड और चंद्रेश्वर नगर में पानी भर गया है।मुनादी कर घाटों को खाली करा लिया गया है। स्वर्ग आश्रम, परमार्थ निकेतन, राम झूला क्षेत्र जलमग्न है। दोपहर को त्रिवेणी घाट का दौरा करने पहुंचीं मेयर अनीता ममगांई ने कहा है कि यहां गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
हिल स्टेशन नैनीताल में पिछले 24 घंटे में 115 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। बारिश की वजह से नालों और नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। काठगोदाम बैराज में गौला नदी का जलस्तर 16 हजार क्यूसेक और रामनगर में कोसी नदी का जलस्तर 12,400 क्यूसेक पर पहुंच गया है। नैनी झील का जलस्तर भी पिछले 24 घंटे में 13 इंच बढ़कर 4 फीट 3 इंच हो गया है। नैनीताल जिले में 17 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं। बाबा नीब करौरी के कैंची धाम क्षेत्र में गदेरे का पानी सांई मंदिर के पास भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 87 पर आ गया है। इस कारण सड़क पर वाहनों का आवागमन बाधित है। अल्मोड़ा एनएच पर नैनी पुल, काकड़ीघाट, दोपाखी और भौर्याबैंड सहित अनेक स्थानों पर भारी मात्रा में मलबा आने से मार्ग बाधित है।