दून निवासी ऋतिक चौहान ऑल इंडिया 317 रैंक हासिल कर नीट के स्टेट टॉपर बने हैं। जिपमर व एम्स की प्रवेश परीक्षा के बाद यह उनकी लगातार तीसरी कामयाबी है। ऋतिक ने पिछले तकरीबन एक साल से न तो स्मार्टफोन इस्तेमाल किया और न ही सोशल मीडिया। उनका कहना है कि ऐसी परीक्षाएं पास करने के लिए आपको कई बार समाज से कटना पड़ता है।
अशोक पार्क निरंजनपुर निवासी ऋतिक के पिता विनोद कुमार चौहान एमडीडीए में अवर अभियंता हैं और मां सुंदर देवी गृहिणी। बड़ा भाई शुभम एमटेक कर रहा है। सफलता के मंत्र के बारे में पूछे जाने पर ऋतिक ने कहा कि लक्ष्य को लेकर कड़ी मेहनत, सुनियोजित ढंग से पढ़ाई और एकाग्रचित रहना ही सफलता की सीढ़ी है। तनाव से मुक्ति पाने के लिए वह योग का सहारा लेते हैं।
ऋतिक को गिटार बजाना और बैडमिंटन काफी पसंद है। वह कहता है कि पढ़ाई के दौरान यह शौक ही उन्हें रिफ्रेश करते हैं। सुबह के वक्त वह जीव विज्ञान और दिन में रसायन व भौतिक विज्ञान पढ़ा करते थे। शाम का वक्त रिवीजन के लिए रखा था। अविरल क्लासेस के निदेशक डीके मिश्रा ने बताया कि ऋतिक ने एम्स के साथ ही जिपमर में भी सफलता हासिल की है। पहली बार उत्तराखंड का कोई छात्र जिपमर में चयनित हुआ है। यह संस्थान के साथ ही पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। वह नीट में भी अच्छा प्रदर्शन करेगा।