टीडीसी के मुख्य अभियंता सेवानिवृत्ति से पहले निलंबित

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    उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास निगम लि. (टीडीसी) के मुख्य अभियंता पीके चौहान को निलंबित कर दिया गया है। उन पर विभिन्न मदों में करोड़ों का घोटाला करने का आरोप है। घोटाले में और भी अधिकारियों के फंसने की आशंका जताई जा रही है। मुख्य अभियंता इसी माह 30 जून को सेवानिवृत होने वाले थे।

    आईएएस ज्योति नीरज खैरवाल ने टीडीसी के प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभालते ही टीडीसी में हुई वित्तीय धांधली की जांच शुरू की तो एक-एक कर परतें सामने आने लगीं हैं। उन्होंने इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह ने टीडीसी के मुख्य अभियंता को प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताओं का दोषी पाते हुए 24 जून को निलंबन के आदेश जारी कर दिए। निलंबन के आदेश टीडीसी प्रबंधन को प्राप्त हो गए हैं। मुख्य अभियंता 30 जून को ही सेवानिवृत होने वाले थे। घोटाले में अभी निगम के चार-पांच अधिकारियों पर शीघ्र ही गाज गिरने की आशंका जताई जा रही है।


    मुख्य अभियंता पीके चौहान पर धनौरी एवं खटीमा संयंत्रों पर स्थापित स्प्रिंकलर सिस्टम का कोई उपयोग न होने के बावजूद 3,57,356 और 2,67,192 रुपये खर्च करने का आरोप है। इसके अलावा उन्होंने तीन ट्रैक्टर खरीद पर 11,72,652 रुपये खर्च दिखाया, जबकि आज तक इनका कोई उपयोग नहीं हुआ है। उन्होंने सब्जी विधायन संयंत्र हल्दी पर क्रय की गई सीलिंग/पैकिंग की मशीन पर 22,74000 रुपये खर्च किए, जिसका आज तक कोई उपयोग नहीं हुआ। साथ ही निगम में खरीदे गए ट्रैक्टर हैरो, कराहा, लैबलर के खरीद 22,28000 रुपये खर्च किया गया जिसका कोई औचित्य नहीं था। मल्टीकलर प्रिंटेड नेचुरल पॉलिस्टर लिमिटेड से एलडीपी रोल क्रय करने में 20,37000 रुपये का दुरुपयोग किया गया।