ट्वीट वार : राज्य का राजस्व घाटा, ऋण बढ़ा : पंत

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वित्त मंत्री प्रकाश पंत के बीच राज्य की वित्तीय स्थिति, ऋण और राजस्व की स्थिति को लेकर ट्वीटर पर वार छिड़ी है। दोनों तरफ से आंकड़ों जरिये हमला किया जा रहा है। पूर्व सीएम ने जहां राज्य में प्रति व्यक्ति आय और ऋण को लेकर मौजूदा सरकार पर हमला बोला तो वित्त मंत्री ने आंकड़े ट्वीट कर उनका जवाब दिया। यह ट्वीट वार अभी जारी रहेगी। हालांकि, ताजा ट्वीट में वित्त मंत्री ने कहा कि हरीश रावत के कार्यकाल में राजस्व कम हुआ और ऋण तेजी से बढ़ा।

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ट्वीटर पर दो दिन पहले यह वार शुरू हुई हरीश रावत के एक ट्वीट से। जीएसटी लागू होने के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा था कि इससे राज्य को मिलने वाले राजस्व में करीब 20 फीसद की वृद्धि होगी। जीएसटी लागू होने के बाद राज्य की आय में वृद्धि के वित्त मंत्री प्रकाश पंत के इस बयान के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि प्रकाश पंत जी आप बहुत निष्ठुर हैं। जीएसटी लागू होने के बाद उत्तराखंड को केंद्र से मिलने वाले हिस्से में लगभग 19.5 प्रतिशत वृद्धि होगी। इसका अर्थ है कि आपके पास विकास के लिए, जन कल्याण के लिए प्रयास राशि होगी। यह तभी संभव हुआ जब हरीश रावत और डॉ. इंदिरा हृदेश की सरकार ने वर्ष 2016-17 में राजस्व वृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित किए और पूरे देश में सर्वाधिक राजस्व वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त किया। कुछ तो धन्यवाद देना सीखो।
इसके जवाब में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने ट्वीट किया कि उत्तराखण्ड को वित्तीय संकट में धकेलने का दोषी कौन? नॉन टैक्स राजस्व 1600 करोड़ से घट कर 1210 करोड़ रह गया है| उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सीएम झूठे आंकड़े ट्वीट कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दोबारा ट्वीट कर कहा कि प्रकाश पंत जी आपने कहा कि विकास संबंधित आंकड़े झूठे हैं। मैंने यह सभी झूठे आंकड़े आपके बजट भाषण से लिए हैं। आपने अपने बजट भाषण में राज्य की ग्रोथ रेट का जिक्र किया है, मैंने सिर्फ उसे एक साल आगे की अनुमानित ग्रोथ रेट बताई। उसी तरह पर कैपिटा इनकम की वृद्धि के जो आंकड़े आपने दिए हैं, वह भी मैंने दिए हैं। मैंने आपके ही बजट से कैलकुलेट करके निकाला है और मैं आपसे जानना चाहता हूं कि आज सेवा क्षेत्र में राज्य की वार्षिक विकास दर 11:00 प्रतिशत से ऊपर है और औद्योगिक विकास दर 16.5 प्रतिशत से ऊपर है, यदि यह आंकड़े झूठे हैं तो सच्चे आंकड़े जारी करिये।

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इसके बाद मंगलवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने आंकड़े जारी करते हुए ट्वीट किया कि ये आंकड़े ही पूर्व सीएम को जवाब देने लिए काफी हैं। उन्होंने इसमें कहा कि राज्य सरकार की भूमिका वाला नॉन टैक्स रेवन्य 2012-13 के 1602 करोड़ 2016-15 में घटकर 1219 करोड़ रह गया। जबकि, करों से प्राप्त होने वाले राजस्व, जिसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती इसमें इजाफा हुआ। वर्ष 2011-12 में कर के रूप में 5615.56 करोड़ का राजस्व मिला, जबकि वर्ष 2015-16 में यह बढ़कर 9377.79 करोड़ हुआ। राजस्व में वृद्धि में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी, बल्कि यह केवल कर से प्राप्तियां थी। उन्होने इसी ट्वीट में ऋण के आंकड़े भी दिए। इसमें उन्होंने लिखा कि वर्ष 2007-08 में राज्य पर कुल देनदारियां 16276.21 करोड़ रुपये की थी, जो कांग्रेस के कार्यकाल में बढ़ते हुए वर्ष 2015-16 में 39031.87 करोड़ रुपये हो गई।
ट्वीटर पर यह वार जारी है। आने वाले दिनों में इस वार में कई और रंग देखने को मिल सकते हैं। गौरतलब है कि इस वार को हरीश रावत के राजनीतिक रूप से सक्रिय होने की मशक्कत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, हाल ही में वे ट्वीट पर इस मामले में भी सफाई दे चुके हैं। इससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत काफल और आम पार्टी देकर भी सुर्खियों में आ चुके हैं। अब उनकी तैयारी हरेला पर्व के माध्यम से मीडिया का ध्यान खींचने की ओर है।