पिथौरागढ़ में बारिश से दर्जनों सड़कें बंद, काली नदी का प्रवाह बढ़ा

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जिले में हुई तेज बारिश से जगह-जगह हुए जलभराव के कारण दर्जन भर सड़के बंद हो गई है और कई मकाने ध्वस्त हो गई, जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। बुधवार सुबह शुरू हुई बारिश दिन भर चलती रही जिससे बारिश के बाद काली नदी का प्रवाह बढ़ गया है।

काली नदी खतरे के निशान से महज 1.35 मीटर नीचे बह रही है। गोरी नदी के साथ ही अन्य नदियों के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। बारिश से बेरीनाग के ग्राम हिपा में बेरीनाग के ग्राम हीपा में सुबह करीब 8:15 बजे गोपाल सिंह पुत्र चंद्र सिंह के घर के समीप पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ। जिससे गोपाल सिंह का आधा मकान मलबे में दब गया।
बेरीनाग के ही दिवानी राम पुत्र हरी राम के घर के समीप हुए भूस्खलन से उनके मकान में दरार आ गई। इसके अलावा बीती देर रात थल में चौसाला गांव में खड़क सिंह कार्की के मकान का आंगन ढ़ह गया। जिससे मकान को खतरा पैदा हो गया है। घटना की जानकारी ग्राम प्रधान चौसाला दीपा ने राजस्व उपनिरीक्षक को दी है।सूचना मिलने के बाद राजस्व उपनिरीक्षक क्षति का आंकलन करने के लिए रवाना हो गए हैं।
इधर, मुनस्यारी ग्राम बला में बारिश से हुए भूस्खलन से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एएनएम सेंटर को खतरा पैदा हो गया है। बेरीनाग में हुई 52 एमएम बारिश बेरीनाग। क्षेत्र में पूरी रात भर जमकर बारिश हुई। जिससे नगर के कई हिस्सों में नालियों का गंदा पानी सड़कों में बहने लगा। साथ ही नालियों की गंदगी भी सड़कों में आ गई। जिस कारण लोगों का काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। लोगों को आवाजाही में भी दिक्कत उठानी पड़ी।
तहसील क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से रुक-रुककर लगातार बारिश हो रही है। जिससे जौलजीबी, भदेली, धाप बैंड,नाचनी, रातीगाड़, ग्वीरा, थटीगाड़, अस्याली के समीप मलबा आने से सड़क बंद हो गई थी। जिसे बीआरओ ने 13 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद खोल दिया है। इस दौरान स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
वहीं, कपकोट-सामा-तेजम सड़क किमी 11 के समीप बोल्डर और मलबा आने से बंद हो गया है। जिसके चलते वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। वाहनों को दूसरे रास्तों से भेजा जा रहा है। इन क्षेत्रों में सड़क बंद होने से मुनस्यारी का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। संबंधित विभागों की ओर से सड़कों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
लगातार हो रही बारिश के चलते थल-नाचनी सड़क किमी पांच के समीप रामगंगा नदी में समा गई। जिससे कारण इस सड़क से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। लोनिवि कर्मियों द्वारा सड़क को बनाने का प्रयास किया जा रहा है।