देहरादून के पांच प्राकृतिक स्त्रोतों पर बनेगी झील

    0
    797

    लगातार सूख रहे प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए झीलों का सहारा लिया जाएगा। पहले चरण में जिले के पांच प्राकृतिक जलस्रोतों पर झीलें तैयार की जाएगी, यह जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को सौंपी गई है। पेयजल निगम को उम्मीद है कि झीलों के निर्माण के बाद इन स्रोतों से 50 एमएलडी पानी उपलब्ध होगा।

    पहले चरण में सिंचाई विभाग भितरली, सौंग, कारलीगाड़, मालढूंग व सूरीधार जाखन जलस्त्रोत को शामिल किया है। निगम के अनुसार फिलहाल इन सभी जलस्रोतों से प्रतिदिन 25 एमएलडी पानी मिलता है, झीलों का निर्माण करने से भू-जल तो रिचार्ज होगा ही, साथ ही जल संस्थान की उन योजनाओं को भी फायदा पहुंचेगा जो प्राकृतिक जलस्त्रोतों पर निर्भर हैं। जल संस्थान या पेयजल निगम सोलर पंप से इन स्रोतों के जरिये पेयजल योजनाओं का भी निर्माण कर सकते हैं। यह कार्य पूरा होने के बाद इन स्रोतों का डिस्चार्ज दोगुना हो जाएगा। पेयजल निगम के महाप्रबंधक एससी पंत ने बताया कि झील बनाने का काम सिंचाई विभाग कर रहा है, कार्य पूरा होने के बाद बड़ी आबादी को इसका लाभ मिलेगा।

    प्रमुख स्रोतों का डिस्चार्ज भी घटा

    इसके अलावा मासीफाल, ग्लोगी व बांदल दून के प्रमुख जलस्रोत हैं। जिनसे प्रत्येक दिन जल संस्थान को 21 एमएलडी पानी शहर में उपलब्ध होता है, जिसे उन इलाकों में सप्लाई किया जाता है जहां नलकूप नहीं हैं। पेयजल निगम का कहना है कि इन स्रोतों का भी इसी तरह से संवर्धन किया जाए तो मासीफाल से 14, ग्लोगी से 15 और बांदल से 16 एमएलडी पानी उपलब्ध होगा, इससे बड़ी मात्रा में आबादी को पानी की आपूर्ति की जा सकेगी।