शुरुआती दौर में ही मानसून पहाड़ों पर कहर बरपाने लगा है। चमोली, अल्मोड़ा और देहरादून जिले में बादल फटने से खासा नुकसान हुआ है। कई घरों में मलबा घुस गया, जबकि खेतों में खड़ी फसल तबाह हो गई। इसके अलावा प्रदेश में देहरादून और पिथौरागढ़ जिले में पांच लोगों की मौत भी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में सौ से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। चार धाम यात्रा मार्गों पर मलबा आने से खुलने और बंद होने का क्रम जारी है।
रुदप्रयाग और चमोली में बुधवार को स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। मंदाकिनी, नंदाकिनी, पिंडर, अलकनंदा, सरयू, गोमती और गोरी नदी समेत बरसाती नदियां उफान पर हैं। हालांकि अभी नदियां खतरे के निशान से दूर हैं, लेकिन तटवर्ती क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। मौसम के रूख से लोगों में दहशत है।
उत्तराखंड में मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ। सोमवार देर रात चमोली जिले के घाट ब्लाक में बादल फटने से धुर्मा कुंडी गांव में भारी नुकसान हुआ है। बरसाती नदी में उफान आने से घर और खेत मलबे से पट गए। घबराए लोगों ने जागकर रात बिताई। सुबह प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया गया।
देहरादून जिला भी मौसम के असर से खासा प्रभावित हुआ। मसूरी के पास एक पिकअप वाहन पर बोल्डर गिर गया। इससे वाहन में सवार चार में से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। दून शहर में भी एक व्यक्ति देर रात रिस्पना नदी में डूब गया। देर रात भारी बारिश के बीच वह घर में घुसे बरसाती पानी को निकाल रहा था कि उसका पैर फिसल गया। इसके अलावा सिल्ला गांव में बादल फटने के बाद 40 मवेशी मलबे में दब गए।
कुमाऊं में भी हालात अलग नहीं हैं। पिथौरागढ़ जिले में सड़क निर्माण में जुटे मजदूरों के टेंट पर पहाड़ी से मलबा आ गिरा। इससे नेपाल के रहने वाले मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई व एक घायल हो गया। बागेश्वर जिले में सरयू का जलस्तर बढ़ने पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। सोमवार रात बागेश्वर में सायरन बजाकर लोगों को चेतावनी दी गई। अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया क्षेत्र में बादल फटने से स्कूल भवन, पुलिया, रास्ते व पेयजल योजनाएं बह गईं। डरे ग्रामीणों ने गांव छोड़ कर जान बचाई। बारिश से कैलास मानसरोवर व भारत-चीन व्यापार मार्ग समेत एक दर्जन मार्ग बंद हो गए हैं।
अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना
प्रदेश पर अगले 48 घंटे भारी गुजर सकते हैं। देहरादून मौसम केंद्र के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह के अनुसार इस दौरान पहाड़ और मैदान में भारी वर्षा की संभावना है। उन्होंने यात्रियों और प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है।