आधार बनवाने को भटक रहे स्कूली बच्चे

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सरकार ने स्कूलों में बच्चों के लिए आधार अनिवार्य किया है। विभिन्न बोर्ड ने भी अपने सभी दस्तावेजों को आधार से लिंक किए जाने का कार्य शुरू कर दिया है। बच्चों को कोई परेशानी न हो इसकेे लिए स्कूलों को ही आधार केंद्र के रूप में तैयार किया गया लेकिन बोर्ड का यह फैसला स्कूल नहीं मान रहे हैैं। कुछ स्कूलों में तो बच्चों को बाहर से आधार कार्ड बनवाकर लाने को कहा जा रहा है।

बोर्ड के निर्देशों को भी कर रहे दरकिनार
आधार की अनिवार्यता के बाद सीबीएसई ने देशभर के स्कूलों को आधार फेसिलिटेशन सेंटर के रूप में कार्य करने के निर्देश दिए थे। जिसके चलते बच्चों और उनके अभिभावकों तक को आधार के लिए रजिस्टर कराने का काम स्कूलों को करना था। यह कार्य हुआ भी, लेकिन कुछ स्कूलों ने निर्देशों को दरकिनार कर दिया। राजधानी देहरादून मेें सीआईएससीई बोर्ड से जुड़े स्कूलों ने तो आधार को लेकर कोई सुविधा बच्चों को दी ही नहीं। यहां बच्चों को एग्जाम से जुड़ी प्रक्रिया को पूरी करने के लिए पहले आधार लाने की बात कही जा रही है।

अब और बढ़ गई समस्या
आधार बनाने की समस्या तब बड़ी हो गई जब सरकार ने सभी निजी केंद्रों पर आधार बनाने की प्रक्रिया को बंद करने के निर्देश दिए। उस पर स्कूलों में भी आधार कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। जिस कारण बच्चों और अभिभावकों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।

जिंप पायनियर स्कूल, के प्रधानाचार्य जगदीश पांडे ने बताया कि, ‘बोर्ड की ओर से स्कूलों में आधार कार्ड बनाए जाने के निर्देशों के अनुसार सभी बच्चों के आधार स्कूल में ही बनवा दिए गए थे, यह जिम्मेदारी स्कूलों की थी कि बच्चों को आधार बनवाने के लिए भटकना न पड़े। अगर किसी स्कूल ने आधार नहीं बनवाए तो यह उसकी गलती है। बच्चों को समस्या होना लाजमी है।’

मुख्य शिक्षा अधिकारी, एसबी जोशी का कहना है कि, ‘छात्रों और अभिभावकों के लिए आधार अनिवार्य है। निजी स्कूलों को भी इस बाबत सूचित किया जा चुका है। अगर कोई स्कूल इसमें मनमानी करता है तो वो गलत है। ऐसे मामलों की शिकायत यदि विभाग के पास आएगी तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।’