उत्तराखंड जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में सरकारी व अर्द्ध सरकारी संस्थानों में विभिन्न श्रेणी के लगभग 50 हजार से अधिक पद रिक्त हैं, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि आंकड़ों के आधार पर राजस्व विभाग में 3061, सिंचाई विभाग में 1534, खाद्य आपूर्ति में 384, शिक्षा में 14500, सचिवालय प्रशासन विभाग में 450, समाज कल्याण में 350, लोक निर्माण विभाग में 687, गृह (पुलिस) 1240, औद्योगिक विकास विभाग में 219, परिवहन 80, सहकारिता 250, पावर ट्रांसमिशन 647 एंव इसके साथ-साथ पशुपालन, कृषि, वित्त, विधानसभा, पर्यटन, वन, ऊर्जा, इत्यादि विभागों में हजारों पद रिक्त पड़े हैं।
रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि एक तरफ सरकार 100 दिन पूरे होने पर जश्न मना रही है, जबकि उपलब्धि के नाम पर शून्य है, वहीं बेरोजगार और किसान सरकार का मातम मना रहे हैं। प्रदेश सरकार ने जिन युवाओं से नौकरी का वादा किया था उसके कारण भाजपा आज सत्ता में आयी, लेकिन बेरोजगार सड़कों पर हैं और हाथ पर हाथ धरे बैठा है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्थायी पदों के सापेक्ष स्थायी नियुक्ति एवं अस्थायी पदों पर आउट सोर्स व अन्य प्रक्रिया के तहत युवाओं में रोजगार का रास्ता खोलना चाहिए। उत्तराखंड, प्रदेश का पहला राज्य बन गया है जहां पलायन रोकने को आयोग का गठन किया गया तथा भर्तियों के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
रघुनाथ सिंह ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए जल्दी ही प्रभावी कदम नही उठाए गए और पदों को भरने के लिए कार्रवार्इ नहीं की गर्इ तो मोर्चा सड़कों पर उतरकर आन्दोलन करेगा।