आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस और अन्य दलों में मंथनों का दौर चल रहे हैं। सभी नेता अपने अपने उम्मीदवारों को टिकट दिलाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। टिकट बंटवारे का काम वैसे ही प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व के लिये चुनौती भरा होता है। कांग्रेस के लिये और भी चुनौती पूर्ण इसलिये हो गया है क्योंकि लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच आॅल इज़ नाॅट वेल के संकेत आते रहे हैं। दोनों ही नेताओं और उनके केमों से हो रही लगातार बयानबाज़ी इन खबरों को और बल दे रही है।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के मुताबिक पार्टी ने 63 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लिये हैं। इन नामों में काफी चेहरें तो ऐसे हैं जो अपनी पारंपरागत सीटों पर ही लड़ेंगे और उनके नामों को फाइनल करने में पार्टी आलाकमान को कोई खास दिक्कत नहीं पेश आई होगी। मसला उन सीटों पर अटका हुआ है जो
- पार्टी छोड़ कर गये नौ विधायकों ने खाली की हैं
- राज्य के बड़े नेता जो अपने परिजनों को टिकट दिलाने की जुगत में लगे हुए हैं
- मुख्यमंत्री और उनके खास लोगों के लिये सीटों का चुनाव
- प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की सीट
अटकलों का बाज़ार तमामतरह की लिस्टों और नामों से भरा हुआ है लेकिन हम आधिकारिक तौर पर दोनों बड़ी राजनीतिक दलों की तरफ से आये नामों को ही अपने पाठकों तक पहुंचायेंगे।
इस सबके बीच प्रदेश की कांग्रेसी चुनावी रणनीति में रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम भी राज्य में सक्रिय हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले ही प्रशांत किशोर की टीमें हर ज़िलें में सक्रिय ह गई हैं। ये देखना दिलचस्प होगा कि अपनी प्लैनिंग से चुनावों की दशा दिशा बदलने की मिसाल दे चुके प्रशांत किशोर उत्तराखंड में कांग्रेस को विनिंग रन दिलावे में कितने कारगर साबित हो सकेंगे।