रुद्रप्रयाग में डीएम मंगेश घिल्डियाल की सर्तकता के चलते सराकरी पैसे के गबन का ऐसा मामला सामने आया कि लोगों के होश उड़ गये। इसके चलते एक ग्राम प्रधान की कारगुजारियां लोगों के सामने आई और वो नप भी गये। दरअसल डीएम घिल्डियाल ने भरदार क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया। इस दौरान ग्राम पंचायत ढौण्डा पालीपुर में स्वजल परियोजना के तहत बनाए जा रहे शौंचालयों के निर्माण में लेट-लतीफी और ग्रामीणों से ग्राम प्रधान द्वारा पैसे लिए जाने की शिकायत पर नाराजगी जताते हुए डीएम ने प्रधान के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और जितने भी लोग इसमें दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
डीएम ने पाया कि ग्राम पंचायत ढौण्डा में स्वजल विभाग के साथ प्रधान ने जनवरी, 2017 में करार किया। जिसके अनुसार ग्राम प्रधान को 79 लाभार्थियों के शौचालयों का निर्माण कराना था। इस के लिये प्रधान के खाते में रू 4.74 लाख ट्रांसफर भी हो गये थे। डीएम ने प्रधान से सभी 79 शौचालय दिखाने को कहा। डीएम ने निरीक्षण के लिये 3 घण्टे तक लगभग 8 किमी तक गांव के हर घर का दौरा किया। इसके चलते यह पता चला कि 79 शौचालयों में से सिर्फ 29 शौचालय ही बने हैं, बाकी 19 परिवार ऐसे दिखाये गये हैं, जिन्होंने अभी तक शौचालय नहीं बनाये हैं। बाकी 31 परिवारों के संबंध में ग्राम प्रधान कुछ भी बताने में असमर्थ रहा, जिससे यह शक पैदा हुआ कि वे परिवार वास्तव में हैं भी या पलायन कर चुके हैं।
वहीं भ्रष्टाचार की हद ये है कि प्रधान ने सभी 79 शौचालय बन जाने की घोषणा की जा चुकी है।इसके साथ ही लोगों ने बताया कि पहली किश्त का उन्हें छह हजार रूपए भुगतान होना था, लेकिन प्रधान ने मात्र पांच हजार रूपए ही दिए।डीएम ने अधिकारियों को आदेश दिये कि प्रधान पर मुकदमा दर्ज हो और स्वजल के क्षेत्रीय समन्वयक को निलम्बित किया जाए। इसके साथ जिन अधिकारियों ने इस गांव का सत्यापन किया गया उनका वेतन गांव में सारे शौचालय बनने तक रोक दिया जाये।
इस मामले पर न्यूजपोस्ट से बात करते हुए डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि”उनकी लोगों से अपील है कि स्वच्छ भारत को पूरी तरह सफल बनाने के लिये लोगों को भी आगे आकर काम करना होगा।प्रशासन किसी भी तरह की लापारवाही अपने अधिकारियों की तरफ से बर्दाशत नहीं करेगा”