मां नन्दा सुनन्दा की सजावट शुरु

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पर्यटक नगरी में मां नंदा-सुनंदा महोत्सव की आकर्षक छवि को मूर्तरूप देने के लिये हुनरमंद लोग दिन रात जुटे हैं। आमंत्रित कदली (केले के पेड़) के खाम व बांस की खपच्चियों से देवभूमि की आराध्य देवियों की मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

मां नंदा देवी मंदिर में रविवार को मां नंदा-सुनंदा महोत्सव के तहत प्रात: विविध धार्मिक अनुष्ठान हुए। महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सजधज कर मंदिर में स्थापित कदली वृक्षों की पूजा-अर्चना की। इसके बाद हुनरमंद व महोत्सव समिति के लोग कदली के खामों व बास की खपच्चियों की मदद से मूर्ति निर्माण में जुटे। महोत्सव समिति अध्यक्ष हरीश लाल साह के अनुसार मूर्ति निर्माण में कड़ी मेहनत व महीन कारीगरी की जरूरत होती है। मूर्तियों का निर्माण व श्रृंगार के लिए दो से तीन दिन का समय लगता है। मूर्त रूप मिलने के बाद ही प्राण प्रतिष्ठा कर मां नंदा व सुनंदा की मूर्तियां मंडप में स्थापित की जाती हैं। मूर्ति निर्माण में वयोवृद्ध कारीगर कमल राम, जगदीश आर्या, समिति सचिव एलएम चंद्रा, किरन लाल साह, भुवन चंद्र साह, भुवन सति, मुकेश साह, कुमुद साह, उमेश साह, संतोष साह व ललित साह आदि सहयोग दे रहे हैं।