मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सरकारी और निजी दोनों ही श्रेणियों की चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए ठोस कार्य योजना प्रस्तुत के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को समय से उनकी उपज का पूरा मूल्य मिले, यह सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में गन्ना-चीनी विभाग की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों के कुप्रबंधन का नुकसान किसान और कर्मचारी दोनों को उठाना पड़ता है। उन्होंने इकबालपुर चीनी मिल सहित अन्य निजी चीनी मिलों को प्रदेश के किसानों का भुगतान रोककर, बाहरी किसानों को तत्काल भुगतान करने की प्रवृत्ति पर आडे हाथों लिया। उन्होंने सभी निजी चीनी मिलों को उत्तराखण्ड के गन्ना किसानों का भुगतान तत्काल करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के सख्त रूख पर इकबालपुर चीनी मिल, जिसपर उत्तराखण्ड के किसानों का 59 करोड़ रूपये बकाया है, ने 15 सितम्बर तक 15 करोड़ रुपये देने तथा शेष 34 करोड़ रुपये अतिशीघ्र देने का भरोसा दिया। इसी प्रकार लक्सर और लिब्बरहेड़ी चीनी मिलों ने बकाया लगभग 7.7 करोड़ रुपये एक सप्ताह में चुकाने का वादा किया।
मुख्यमंत्री ने गन्ना सचिव को निर्देश दिये कि गन्ना मूल्य भुगतान के प्रस्ताव के साथ चीनी मिलों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु ठोस कार्ययोजना कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करें। सभी सरकारी चीनी मिलें न्यूनतम 120-130 दिन तक चलनी चाहिए। उन्होंने चीनी मिलों द्वारा किसानों से गन्ना क्रय करते समय प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए।
वहीं, सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग दिलीप जावलकर द्वारा अवगत कराया गया कि सहकारी, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2016-17 में कुल 350.60 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 34.55 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन किया गया है।
वर्तमान पेराई सत्र 2016-17 में कुल देय गन्ना मूल्य भुगतान रु. 1080.18 करोड़ के सापेक्ष रु0 876.99 का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है तथा रू0 203.18 करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाना शेष है, जो कि कुल देय का 18.81 प्रतिशत है।
जावलकर ने बताया कि सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों पर वर्तमान में गन्ना मूल्य देय 110 करोड़ बकाया है, उपस्थित सभी मिल प्रबन्धन द्वारा अवगत कराया गया कि चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति ऋणात्मक है तथा चीनी मिलों द्वारा गत वर्षो के गन्ना मूल्य भुगतान हेतु लिये गये ऋण की अदायगी भी की जा रही है।
जावलकर ने बताया कि निजी क्षेत्र की चीनी मिलों के सम्बन्ध में इकबालपुर चीनी मिल द्वारा कुल देय गन्ना मूल्य 192.94 करोड़ के सापेक्ष्य केवल 113.32 करोड़ का भुगतान ही किया गया है तथा रुपये 79.62 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना शेष है। चीनी मिल लिब्बरहेड़ी एवं लक्सर द्वारा लगभग कुल देय गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया गया है मात्र 1.31 करोड़ लिब्बरहेड़ी चीनी मिल पर एवं 6.47 करोड़ लक्सर चीनी मिल पर बकाया है।
मुख्यमंत्री द्वारा उक्त चीनी मिलों को सम्पूर्ण गन्ना मूल्य भुगतान किये जाने के लिए निर्देशित किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी सहित सभी चीनी मिलों के महाप्रबंधक उपस्थित रहे।