श्री देव सुमन यूनिर्विटी से जुड़े निजी संस्थानों को अब अपनी फैकल्टी का आधार और पैन नंबर विवि को देना है। विश्वविद्यालय के इस कदम के बाद ऐसे शिक्षकों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली है, जो एक साथ दो-दो संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे थे। इसके अलावा निजी संस्थानों पर नकेल कसते हुए विवि ने सरकारी कॉलेजों की कर्ज पर ही निजी संस्थानों में वेतनमान निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश की हायर एजुकेशन के हालात सुधारने के मकसद से श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ने कड़ा रुख अपनाया है। विवि ने निजी संस्थानों पर शिकंजा कसते हुए संस्थानों में नियुक्त फैकल्टी का वेतनमान सरकारी कॉलेजों की तर्ज पर निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, संस्थानों में पढ़ा रहे शिक्षकों का पैन कार्ड और आधार नंबर की जानकारी भी विवि को भेजने के निर्देश दिए हैं। इस कदम के बाद ऐसे शिक्षक जो दो-दो संस्थानों में पढ़ाने का कार्य कर रहे थे, वे केवल एक ही संस्थान में अपनी सेवाएं दे पाएंगे। दरअसल, आधार और पैन की जानकारी विवि से साझा होने के बाद संस्थानों को वेतन आदि की जानकारी भी विवि को देनी होगी। ऐसे में वो शिक्षक पकड़ में आ जाएंगे जो दो संस्थानों से वेतन प्राप्त कर रहे हैं।
श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के वीसी डॉ उदय सिंह रावत ने बताया कि प्राइवेट संस्थानों में वेतन कम होने के चलते कई फैकल्टी एक से ज्यादा निजी संस्थानों को सेवा दे रहे हैं, जिससे शिक्षा पर भी असर पड़ रहा है। इसके लिए विवि ने निजी संस्थानों को अपनी फैकल्टी को सरकारी कॉलेजों की भांति निर्धारित न्यूनतम वेतन 35 हजार तक देने के भी निर्देश जारी किए हैं। जिससे फैकल्टी को परेशानी भी न हो। इसके साथ ही सभी फैकल्टी के लिए बैंक अकांउट खोलना भी जरूरी होगा। साथ ही हर इंस्टीट्यूट को सभी नियमों को सख्ताई से पालन करने को कहा गया है। जिसमें फैकल्टी को नेट या पीएचडी में से एक योग्यता को भी अनिवार्य किया गया है। बतादें कि श्री देवसुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में 28 सरकारी और 120 निजी संस्थान संबद्ध है