आईआईटी रुड़की से पिछले आठ महीनों में चार छात्र लापता हो चुके हैं। हालांकि इनमें से गायब हुए तीन छात्र कुछ दिन बाद ही सकुशल मिल भी गए थे। लेकिन बार-बार छात्रों का लापता होना संस्थान के लिए भी चिंता का विषय बनता जा रहा है।
इस साल संस्थान में जनवरी माह से छात्रों के गायब होने का सिलसिला शुरू हो गया था। 26 जनवरी को कोटले भवन से एमटेक का एक छात्र गायब हो गया था। जब संस्थान के सुरक्षा विभाग को छात्र के लापता होने का पता चला तो इसकी प्राथमिकी सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज करवाई गई। इसके तीन दिन बाद ही 30 जनवरी को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग से एमटेक कर रहा द्वितीय वर्ष का छात्र लापता हो गया था। सुरक्षा विभाग द्वारा अपने स्तर पर छानबीन करने के बाद इस छात्र के गायब होने की सूचना भी पुलिस को दी गई। 23 मार्च को आजाद भवन से पीएचडी कर रहा एक छात्र और गायब हो गया। वहीं, पांच सितंबर को बीटेक प्रथम वर्ष का छात्र ऋतिक सैनी लापता हो गया है। इसके गायब होने की सूचना के बाद छात्र के पिता द्वारा सिविल लाइंस कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज करवाई गई है। जानकारी के अनुसार छात्र को डिप्रेशन की शिकायत है। वहीं इससे पहले भी कोई छात्र तनाव तो कोई शांति की तलाश में संस्थान से गायब हुआ था।
आईआईटी रुड़की से एक के बाद एक छात्रों के गायब होने से संस्थान प्रशासन के अलावा सुरक्षा विभाग भी चिंतित है। वहीं, अब संस्थान की ओर से तनाव और डिप्रेशन से ग्रस्त छात्रों के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग भी शुरू की गई है।
संस्थान के डीन आफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. आनंद जोशी के अनुसार तनावग्रस्त छात्रों की सहायता के लिए काउंसिलिंग सेल पहले से ही गठित है। वहीं अब योर दोस्त नाम से ऑनलाइन काउंसिलिंग शुरू की गई है। इससे तनाव से पीड़ित छात्रों की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।