सेंट्रल बोर्ड आॅफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से जुड़े स्कूलों में अब शिक्षकों और कर्मचारियों का साइकोमेट्रिक टेस्ट भी लिया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है। गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल की घटना के बाद बोर्ड ने स्कूल में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए यह निर्णय लिया है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन ने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ‘सुरक्षा कवच’ तैयार किया है। हरियाणा के गुरुग्राम स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल में बच्चे कहीं हत्या के बाद बोर्ड ने स्कूलों में सुरक्षा इंतजाम चाक चौबंद रखे जाने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड ने सभी एफिलिएटेड स्कूलों के लिए सिक्योरिटी गाइडलाइन भी जारी की है। बोर्ड के देहरादून रीजन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, बोर्ड ने स्कूलों में शैक्षिक व्यवस्था से अलग वर्तमान परिस्थितियों में जैसा कि कई विद्यालय में छात्रों और उसमें भी खासकर बालिकाओं की संरक्षा एवं सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक बताई है।
बोर्ड ने कहा है कि अखिल भारतीय स्तर पर कहीं न कहीं अप्रत्याशित व हृदयविदारक घटनाएं घटित हुई हैं। यह चिंता का विषय है। इसमें कई मामलों में स्कूलों की लापरवाही भी बड़ा कारण है। ऐसे में स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन होना बेहद जरूरी है। बोर्ड ने स्कूलों को विभिनन व्यवस्थाएं चुनिश्चित करने के साथ ही शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों को जागरूक करने की भी अपील की है। साथ ही ब्लूव्हेल गेम के कारण मौत के मुंह में जा रहे बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए स्कूलों में शिक्षकों द्वारा अभिभावकों को जागरूक करते हुए ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए बच्चों के व्यवहार पर नजर रखने की हिदायत दी है।
बयान
स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा बोर्ड की पहली प्राथमिकताओं में से एक है। स्कूलों में सुरक्षा से संबंधित दिशा निर्देश समय समय पर दिए जाते रहे हैं। हरियाण की घटना अत्यंत दुखद व गंभीर है। ऐसा मामले दोबारा न हो इसके लिए देहरादून परीक्षेत्र स्तर पर अलग से सभी स्कूलों को सुरक्षा से जुड़ी तमाम व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
– रणबीर सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, सीबीएसई देहरादून
दिशा- निर्देश
– निर्देशों के तहत स्कूलों को पूरे परिसर को सीसीटीवी कैमरों से कवर करते हुए इसकी रिकॉर्डिंग में देखने हेतु स्वयं विद्यालय प्रमुख व उपप्रधानाचार्य या वरिष्ठ स्टाफ का दायित्व सुनिश्चित किया जाए।
– स्कूल में शिक्षकों व स्टाफ से गार्ड, ड्राइव, कंडक्टर आदि सभी का साइकोमेट्रिक टेस्ट कराया जाए। उनका पूरा रिकॉर्ड स्कूल के पास उपलब्ध होना अनिवार्य किया जाए।
– वाहन चालक, कंडक्टर, सफाई कर्मचारी, हेल्पर आदि सभी कर्मचारियों का नियुक्ति से पहले पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाए।
– कक्षाओं टॉयलेट व अन्य ज्यादा आवाजाही नहीं होने वाली जगहों पर कड़ी निगरानी होनी चाहिए। यदि संदिग्ध वस्तु या अनैतिक प्रवृत्ति की जानकारी किसी भी स्थिति में संज्ञान में आती है, तो त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।
– स्कूल के प्रत्येक दल कोरिडोर में छात्रों की देखरेख व उनकी सुरक्षा हेतु प्रयास होना चाहिए।
— स्कूल द्वारा संचालित स्कूल बसों की देखरेख में लगाए गए सभी तकनीकी स्टाफ, ड्राइवर व कंडक्टर जो भी हो दैनानुदित निगरानी रहे व इसके लिए विद्यालय में ट्रांसपोर्ट इंचार्ज बराबर संपर्क में रहे।
– स्कूल बसों को जीपीएस से लैस कराया जाए। बसों में सिक्योरिटी गार्ड सुनिश्चित किया जाए।
– इंटरनेट आदि के उपयोग को लेकर स्कूल के शिक्षकोंं द्वारा न सिर्फ बच्चों को बलिक उनके अभिभावकों को भी जागरूक किया जाए।