गत जून माह से पछवादून की नदियों में उप खनिज चुगान बंद होने से गांवों के विकास कार्य ठप होने के साथ ही गरीब मजदूर वर्ग के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। जबकि आशियाना बनाने वाले लोग भी रेत बजरी नहीं मिलने से परेशान हैं। सबसे अधिक प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों पर पड़ रहा है।जहां मनरेगा के तहत संचालित विकास कार्य ठप होने के साथ ही ग्रामीणों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है।
पछवादून के अधिकांश मजदूर खनन कार्य से ही जुड़े हैं। नदियों रेत बजरी छानने से लेकर भैंसा बुग्गी के माध्यम से ढुलान करने के साथ ही गांवों में संचालित मनरेगा के तहत मिलने वाले रोजगार से इनके परिवार आर्थिक संसाधन जुटाते हैं। हर बार जून माह में बरसात के मौसम में खनन बंद होने के बाद अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में आवंटित खनन पट्टों पर उप खनिज चुगान शुरु कर दिया जाता था, लेकिन इस बार सरकार द्वारा खनन नीति नहीं बनाए जाने से पछवादून की नदियों में उप खनिज चुगान शुरु नहीं हो पाया है। लिहाजा ग्रामीण मजदूर वर्ग के साथ ही व्यापारी व आम जनता भी परेशानियों से जूझ रही है।
ये हो रहे प्रभावित
दैनिक मजदूर: नदियों में रेत बजरी छानने के कार्य में लगे मजदूरों के सामने सबसे बड़ा संकट पैदा हो गया है। आवंटित पट्टों पर उप खनिज चुगान शुरु नहीं होने से दैनिक मजदूरी करने वाले गरीब वर्ग के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। खासकर भूमिहीन वर्ग के वे मजदूर जिनके पास रोजी रोटी का कोई अन्य साधन नहीं है। खनन शुरु नहीं होने से इन दिनों क्षेत्र में निर्माण कार्य ठप पड़े हुए हैं लिहाजा इन मजदूरों को नदी से बाहर भी कहीं रोजगार मुहैया नहीं हो रहा है।
पेंटर, कारपेंटर: उप खनिज चुगान बंद होने से ठप पड़े निर्माण कार्य के चलते लकड़ी का काम करने वाले, रंग रोगन करने वाले मजदूर भी बेरोजगार हो गए हैं। अपने हुनर से इतर अन्य कार्य नहीं आने के चलते मजदूरों के इस वर्ग के सामने आर्थिक संसाधन जुटाने का कोई साधन मौजूद नहीं है।
व्यापारी: निर्माण सामग्री बेचने वाले व्यापारियों पर भी खनन बंद होने का प्रभाव पड़ा है। सीनेट्री, पत्थर, पेंट, लोहे का सामान, लकड़ी का सामान, ईंट, सीमेंट का कारोबार करने वाले व्यापारियों के सामने व्यवसाय को बचाए रखने का संकट पैदा हो गया है। क्षेत्र में आवासीय भवनों सहित अन्य निर्माण कार्य कम होने से व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है।
बड़े वाहन स्वामी: पछवादून में खनन व्यवसाय में लगे अधिकांश लोगों ने उप खनिज ढुलान के लिए बड़े डंफर बैंक से ऋण लेकर खरीदे हैं लेकिन खनन बंद होने से उनके सामने बैंक का ऋण चुकाने की समस्या पैदा हो गई है। कई डंफर मालिक काम नहीं मिलने से अपने वाहन बेच रहे हैं जबकि कई लोगों के सामने फाकाकशी की स्थित पैदाह हो गई है।