प्यासे गांव में पानी को हाहाकार

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जिला मुख्यालय बागेश्वर से लगे मंडलसेरा में 45 परिवार पानी को तरस गए है। यहां दस दिन से नलों में पानी की बूंद भी नहीं टपकी है। तीन दिन से पानी का टैंकर भी गांव नहीं आ रहा है। जिससे उपभोक्ताओं में भारी रोष है। उन्होंने जलसंस्थान पर गांव की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

मंडलसेरा गांव की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। जिला बनने के बाद यहां गांवों से पलायन कर लोग आ गए हैं। उन्होंने जमीन खरीदी। मकान बनाए। लेकिन अब पानी के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीण दीवान सिंह दानू ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई आदि के लिए भी लोगों ने गांव छोड़े हैं। उन्होंने बताया कि दस दिन से गांव में पानी की बूंद नहीं गिरी। 150 व्यक्तिगत कनेक्शन हैं। बीस सार्वजनिक हैं। तीन दिन से जलसंस्थान ने पानी का टैंकर भी नहीं भेजा है। उन्होंने कहा कि दीवाली पर्व पर महिला, बच्चों और बुजुर्गो को पानी के लिए नदी और जलस्त्रोतों का रुख करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट संयोजन वालों को बिना पानी के भारी भरकम बिल देना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि जेई का फोन भी नहीं लग रहा है। उपभोक्ता दिग्पाल ¨सह मेहता, रमेश आर्य, भुवन चौबे, ममता, पुष्पा टाकुली, मोहन ¨सह, गीता, शैलेंद्र धपोला आदि ने बताया कि बानरी योजना से गांव को पानी देने का भरोसा दिलाया गया। लेकिन त्योहार पर उन्हें पानी नहीं मिल रहा है। उपभोक्ताओं ने कहा कि जलसंस्थान के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। इधर ईई नंदकिशोर ने बताया कि पानी की आपूर्ति सुचारु करने के निर्देश जेई को दिए गए हैं। जल्द ही लोगों को पानी मिल जाएगा।