जानकार हांलाकि पुलिस के इस फैसले की कारगरता से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है लोकिन विभाग के इस कदम को एक मौका ज़रूर देना चाह रहे हैं। “ये कदम कितना कारगर साबित होगा ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन देहरादून की चरमराती ट्रैफिक व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा के लिये निरंतर नये कदम उठाते रहना बेहद ज़रूरी है” ये कहना है देहरादून निवासी अनूप नौटियाल का।
केवल खुराने का कहना है कि शहर भर में तकरीबन 70 जगहों पर फ्री पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है जिनमें से 14 चालू हैं और केवल तीन ही महिलाओं के लिये आरक्षित किये गये है। खुराना कहते हैं कि लोगों को कही ंभी गाड़ी खड़ी करने की आदत है इसलिये हम लोगों के लिये फ्री पार्किंग स्थान बना रहे हैं। इसके अलावा हमने नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने का दंड भी 400 से बड़ा कर 1000 रुपये कर दिया है।
गौरतलब है कि औसतन देहरादून में करीब 2.5 लाख गाड़ियां रोजाना सड़कों पर उतरती हैं। इसके अलावा 270 बसे, 1200 विक्रम, औऱ 2500 कमर्शियल लोडर भी हैं।