देहरादून। ऊर्जा निगम ने शत-प्रतिशत बिलिंग के लिए सॉफ्टवेयर आधारित केंद्रीयकृत व्यवस्था बनाई है। अब तक मीटर रीडर की हीलाहवाली से काफी उपभोक्ताओं की रीडिंग नहीं दर्ज की जाती थी, जिससे उन्हें बिल जारी नहीं हो पाता था। इस स्थिति को देखते हुए ऊर्जा निगम प्रबंधन ने ऐसे उपभोक्ताओं, जिनकी रीडिंग दर्ज नहीं होती को पिछले तीन बिल के आधार पर औसत खपत का बिल भेजने का फैसला लिया है।
दरअसल, अभी तक डिविजन स्तर से उन उपभोक्ताओं को महीने के अंत में प्रोविजनल बिल जारी किए जाते थे, जिनकी रीडिंग किन्हीं कारणों से उपलब्ध नहीं होती थी लेकिन इस कार्य को शत-प्रतिशत अंजाम नहीं दिया जाता था। प्रदेश में करीब 20 लाख बिजली उपभोक्ता हैं और करीब ढाई फीसद उपभोक्ताओं के बिल नहीं बनते थे।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने बताया कि मीटर रीडरों को घरेलू श्रेणी में महीने की 28 तारीख तक और अघरेलू श्रेणी में 25 तारीख तक रीडिंग का कार्य पूरा करना होगा। इसके बाद सॉफ्टवेयर के माध्यम से उन उपभोक्ताओं को महीने की आखिरी तारीख को प्रोविजनल बिल जारी कर दिए जाएंगे। सॉफ्टवेयर में उपभोक्ता की पूरी जानकारी होगी। साथ ही प्रोविजनल बिल का मानक भी होगा और स्वत: ही बिल जनरेट हो जााएगा। इससे शत-प्रतिशत बिलिंग होगी और राजस्व बढ़ेगा। सभी अधिशासी अभियंता और उप खंड अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उनके स्तर से अगर रीडिंग का कार्य निर्धारित समय पर पूरा नहीं हुआ तो देरी के लिए उन्हें जिम्मेदार माना जाएगा। इसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। नवम्बर से नई व्यवस्था को लागू किया गया है।