जहां एक तरफ उत्तराखंड के बड़े तपके की कमाई चार धाम यात्रा से जुड़ी है वहीं आज हम आपकों मिलवाते हैं एक ऐसे शख्स से जिनका काम चारधाम यात्रा के खत्म होने के बाद शुरू होता है।उत्तरकाशी के तिलक सोनी यात्रा खत्म होते ही अपनी मोटरसाइकिल को औऱ खुद को “स्नो स्टॉर्म” के लिये तैयार करने लगते हैं। जी नहीं ये किसी बर्फीले तूफान का नाम नही है बल्कि पहाड़ों पर बाइकिंग के चाहने वालों के लिये होने वाले राइडिंग रोमांच का नाम है।
तिलक सोनी “वेह्यर ईग्लस डेयर” के बैनर तले अपनी रॉयल ऐनफील्ड बाइक के साथ इस राइडिंग रोमांच की तैयारी में लग जाते हैं। सोनी कहते हैं कि, “सर्दियों में जब सारे पहाड़ बर्फ की चादर से ढके होते हैं, बाइक चलाना जोखिम भर होता है, इस रोमांच के लिये हम ये राइडिंग करते हैं।”
तिलक सोनी के द्वारा, तीन साल पहले, शुरू किया गया यह कारवां बढ़ता चला जा रहा है। जनवरी 2014 में पहले सीजन में 22 बाइक सवारों ने हिस्सा लिया था जो अब बढ़ कर 33 के पार पहुंच गया है। ये बाइकर 26-29 जनवरी के बीच 200 किमी का सफर उत्तराकाशी और गंगोत्री के बीच तय करेंगे। इस रेस की खास बात ये है कि इसमें न सिर्फ आपको रोमांच ही नहीं बल्कि ऐसे मौसम व रास्तों में सुरक्षित बाइक चलाने की अंतर्राष्ट्रीय एक्पर्टों से ट्रेनिंग भी मिलती है। इसमें बाइक का रखऱखाव, मौसम का आंकलन, और कठिन परिस्थितियों में सर्वाइवल शामिल है।
सोनी इस ट्रेनिंग की अहमियत बताते हुए कहते हैं कि, “2017 में रेस के शुरूात में काफी बाइकर बर्फ और पाले के चलते फिसल गये थे। लेकिन ट्रेनिंग मिलने के बाद यह घटनायें कम हुई है।”सफलता पूर्वक रेस खत्म करने पर “एक्सट्रीम वेदर राइडर” का सर्टिफिकेट भी मिलता है।
अगर आप रोमांच और जोखिम से भरे सफर में भाग लेना चाहते है तो इंतजार किस का? जनवरी 2018 में होने वाले “स्नो स्टॉर्म ” के लिये उत्तरकाशी पहुंचे।