देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश में भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध लगाया गया है वाबजूद इसके अभी तक राज्य में भिक्षावृत्ति का गिरोह अपने काम को अंजाम दे रहा है। वहीं दून की बात की जाए तो यहां हर चौराहों पर बच्चे खुलेआम भीख मांगते नजर आते हैं। यही नहीं, गिरोह ने बच्चों को इतना प्रशिक्षित किया हुआ है कि जब भी उनसे भीख मंगवाने वाले व्यक्ति के बारे में पूछते हैं तो वह मौके से भाग खड़े होते हैं।
गौरतलब हो कि राज्य सरकार द्वारा तीन माह पूर्व उत्तराखंड में भिक्षावृत्ति को प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, प्रतिबंध लगने के कुछ समय बाद तक भीख मांगने वाले बच्चे सड़कों पर नजर नहीं आए, लेकिन अब फिर से वहीं आलम दिखने लगा है। बड़े पैमाने पर बच्चे सड़कों पर हाथ में कटौरा लेकर भीख मांगते नजर आ रहे हैं। इसकी वजह ये है कि दून में भीख मंगवाने वाले कई गिरोह सक्रिय हो चुके हैं। चार माह पहले तत्कालीन अपर सचिव समाज कल्याण मनोज चंद्रन ने भी इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कार्रवाई के लिए कहा था। तब अपर सचिव ने कहा था कि सुबह के समय टैंपों में इन बच्चों को शहर के प्रमुख चौराहों पर छोड़ा जाता है और फिर शाम को वापस टैंपों से इन्हें किसी गुमनाम जगह पर ले जाता है। दिनभर ये बच्चे सड़कों पर घुमकर भीख मांगते हैं। हैरत की बात ये है कि बच्चों को इतना डराया जाता है कि यह पूछने के बावजूद उस व्यक्ति का नाम नहीं बताते, जो इनसे भीख मंगवा रहा है। उदाहरण के तौर पर लालपुल पर बुधवार सुबह तीन छोटी लड़कियां भीख मांग रही थी, एक व्यक्ति ने जब इन बच्चों से उस व्यक्ति का नाम पूछा तो उन्होंने रोना शुरू कर दिया और चिल्लाते हुए भाग खड़ी हुई। इस दौरान जिलाधिकारीएसए मुरुगेशन ने कहा कि प्रशासन ने इस मामले में पिछले दिनों बड़ी कार्रवाई की है। यदि अब भी कुछ जगहों पर बच्चों से भीख मंगवाई जा रही है तो इन जगहों पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।