निगम के सीमा विस्तार पर गर्मायी राजनीति

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काशीपुर, नगर निगम का सीमा विस्तार हो गया है, जिसमें करीब 15 गांव और जुडने जा रहे हैं, और निगम के बीस वार्ड और बढने की उम्मीद जतायी जा रही है, वहीं सीमा विस्तार को लेकर विरोध के स्वर भी मुखर होने लगे है, निर्धारित सीमा विस्तार को भाजपा की साजिश बताया जा रहा है, जिससे सीमा विस्तार का मामले पर राजनीति गर्मा गयी है।

नगर निगम के विस्तारीकरण की राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने नगर निगम को एक सप्ताह के भीतर परिसीमन कर वार्डों की सूची तलब की है। सरकार ने नगर निगम के सीमा विस्तार प्रस्ताव पर 22 सितंबर 2017 को मंजूरी दी। सरकार के आदेश पर संयुक्त मजिस्ट्रेट विनीत तोमर ने आपत्तियों पर सुनवाई की। ग्राम प्रधान व कांग्रेस और बसपा नेताओं ने आपत्तियां दर्ज कराई। जारी अधिसूचना में 13 ग्राम सभाएं, दो ग्राम सभाएं आंशिक और एक राजस्व गांव को नगर सीमा में सम्मलित कर दिया है। नगर निगम की जनसंख्या एक लाख 21 हजार 610 है। सम्मलित क्षेत्र की जनसंख्या 67 हजार है। सीमा विस्तार से नगर की जनसंख्या एक लाख 88 हजार 610 हो जाएगी। नगर निगम में अभी 20 वार्ड है। सीमा विस्तार के बाद वार्डों की संख्या 35 से 40 तक होने का अनुमान है।

वहीं सीमा विस्तार की अधिसूचना जारी होने पर राजनीतिक दलों, ग्राम प्रधान संघ ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने सीमा विस्तार को हाइकोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है। ब्लॉक प्रमुख ने इसे अव्यवहारिक और राजनीतिक निर्णय बताकर विरोध जताया है।नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शमशुद्दीन ने कहा कि सीमा विस्तार अव्यवहारिक है। इसके पीछे राजनीतिक स्वार्थ है। विस्तार में नगर से लगे गांवों को छोड़ा गया। दूर के गांवों लिए गए। जिन गांवों का शहरीकरण हो चुका है उनको नहीं लिया। नगर निगम के पास पहले ही कर्मचारियों की कमी है। उन्होंने इस निर्णय के विरूद्ध अदालत जाने की बात कही है।