सहकारी चीनी मिल बंद होने से किसानों पर आफत

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सितारगंज, सहकारी चीनी मिल बंद होने के बाद किसानों का डायवर्ट गन्ना नादेही चीनी मिल तौल नही करेगी। अब क्षेत्र का गन्ना किच्छा, बाजपुर व बहेड़ी मिल को भेजा जा रहा है। चीनी मिल बंद होने के बाद गन्ना किसानों पर आफत आ गई है। अचानक मिल बंद होने से क्षेत्र में खड़ा 13 लाख क्विंटल गन्ना अव्यवस्थाओं के चलते औने-पौने दामों में बिक सकता है। मिल बंद होने के बाद इस गन्ने को किच्छा, बाजपुर, बहेड़ी व नादेही चीनी मिलों को डायवर्ट किया गया, लेकिन नादेही चीनी मिल ने क्षेत्र के किसानों का गन्ना लेने से मना कर दिया है।

जबकि किच्छा मिल ने 21 नवबंर को तिलियापुर, टैगोरनगर, नकहा, भिटौरा, मखबारा फार्म के लिए इंडेन गन्ना तौल क्रय केंद्रों के लिए जारी हुआ। 11, 12 दिसबंर बाजपुर चीनी मिल के मखबारा, नकहा, शक्तिफार्म, बैकुंठपुर, तिलियापुर के लिए फिर इंडेन जारी हुआ है। किच्छा मिल के लिए पांच गन्ना तौल क्रय केंद्र खोले गए है। जबकि बाजपुर के लिए बरकीडांडी, डोहरा, टुकड़ी आदि सेंटर है। इन गन्ना सेंटरों पर डायवर्ट मिले क्षमता के अनुसार इंडेन नही भेज रही है। पिछले साल सहकारी चीनी मिल का इंडेन जो कि रोजाना 12 हजार क्विंटल था। जो सितारगंज मिल बंद होने के बाद डायवर्ट मिलें किच्छा, बाजपुर स्थानीय गन्ना समिति को अधिकतम 3200 क्विंटल का इंडेन जारी कर रही है। जिसका परिणाम यह होगा कि चीनी मिल बंद होने के बाद ऐसे में गन्ना किसानों का लाखों क्विटंल गन्ना समय पर डायवर्ट मिलों में नहीं पहुंच पाएगा, जिससे किसानों को बड़ी क्षति होने का आसार है। मिलों में गन्ना गिराने में देरी के कारण गेंहू की बुआई भी प्रभावित होगी।

गन्ना विकास समिति सचिव श्यामलाल ने बताया कि, “दूरी अधिक होने से नादेही मिल का गन्ना बहेड़ी डायवर्ट किया है। बहेड़ी चीनीमिल ने नकुलिया गन्ना तौल केंद्र के लिए सोमवार को 200 क्विंटल इंडेन जारी कर दिया है। नानकमत्ता, पंडरी के लिए मंगलवार को बहेड़ी मिल इंडेन जारी कर सकती है।”