बेरोजगारों से एम्स में खिलवाड़ 

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एम्स ऋषिकेश में नौकरी करने के लिए आवेदन करने वाले युवाओं की उम्मीदों का विश्वासघात हो रहा है, एम्स में नौकरी पाने के लिए बेरोजगार युवकों जो आवेदन पत्र दिए थे, वो तमाम महत्वपूर्ण दास्तावेज भानियावाला चौक के पास लावारिश हालात में सड़क के किनारे मिले है।

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हजारों की तादात में ये दस्तावेज लावारिश हालात में भानियावाला में देहरादून-हरिद्वार के हाई-वे के किनारे फैंके गये है, एम्स में नौकरी के लिए दिए इन आवेदन पत्रों मेे बेरोजगार युवकों की शैक्षिक प्रमाणपत्रों के साथ ही पहचान प्रमाण पत्र भी हैं जिनका असामाजिक तत्वों द्वारा दुरूप्रयोग किया जा सकता है, जिससे एम्स ऋषिकेश एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है, तो वहीँ एम्स प्रशासन का गैरजिम्मेदाराना और लापरवाही भरा चेहरा सामने आया है।

पूरे मामले में एम्स अब पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहा है। एम्स के डिप्टी डाक्रेक्टर अंशुमान गुप्ता ने बयान देते हुए कहा कि ये एम्स का नही पुलिस का मामला बनता है, एम्स ने मार्स एजेन्सी को आउटसोर्सिग भती की जिम्मेदारी दी थी, दस्तावेज सम्भालने मार्स कम्पनी की जिम्मेदारी है, एम्स में आउटसोर्सिग पर नौकरी करने वाले कर्मचारियों के दस्तावेज एजेन्सी के पास ही होने चाहिए।