अगले साल दून से चलने लगेगी 18 कोच की ट्रेनें

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देहरादून। राजधानी दून में अभी भी 18 कोच की रेलगाड़िया नही आती है। जबकि राजधानी बनने के बाद से यहां यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। दून रेलवे स्टेशन की क्षमता बढ़ाने के लिए इस योजना पर रेलवे द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है और अगले साल 2018 में 18 कोच की ट्रेनें दून तक चलने लगेंगी। इसके लिए नया प्लेटफार्म और भी तैयार किया जा रहा है।
दून स्टेशन पर प्लेटफार्म की क्षमता कम होने और हरिद्वार-देहरादून के बीच लूप लाइन न होने के कारण दून स्टेशन तक अधिकतर 13 कोच की ट्रेन ही आती हैं। यात्रियों की अत्यधिक भीड़ होने के बावजूद रेलवे चाहकर भी दून से चलने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त कोच नहीं बढ़ा पाता। हांलाकि दून को आने वाली सभी ट्रेनें हरिद्वार तक 18 से 20 कोच लेकर आती है, लेकिन देरहादून स्टेशन की क्षमता मौजूदा समय ज्यादा में 12 या ज्यादा 13 कोच के साथ दून गाड़िया आत है। जिसके कारण रेलवे प्रशासन को हिरद्वार में कोच को कम करना पड़ता है।रेलवे काफी समय से देहरादून-हरिद्वार के बीच 18 कोच की ट्रेनें चलाने की तैयारी कर रहा है जिससे रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा प्राप्त करा सके। इस योजना में सबसे पहले रायवाला और कांसरो रेलवे स्टेशन की क्षमता बढ़ाई गई, लेकिन अभी तक दून स्टेशन की क्षमता को बढ़ाने में विफल रहे जिसके कारण 18 कोच की ट्रेनें यहां तक नहीं आ पाई है।
मौजूदा समय देहरादून स्टेशन तक 23 ट्रेनें आती हैं। इसमें 17 ट्रेनें हर रोज चलने वाली हैं। स्टेशन की क्षमता बढ़ने और नया प्लेटफार्म तैयार होने के बाद यहां ट्रेनों की संख्या बढ़ने की भी संभावना है। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
अभी तक देहरादून स्टेशन तक 23 ट्रेनें आती हैं। इसमें 17 ट्रेनें प्रतिदिन चलने वाली हैं। स्टेशन की क्षमता बढ़ने और नया प्लेटफार्म तैयार होने के बाद यहां ट्रेनों की संख्या बढ़ने की भी संभावना है। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी। यह काम अगले साल यानी 2018 में पूरा होने की उम्मीद है। इसके लिए रलवे के वरीय अधिकारियों का कई बार दौरा भी हो चुका है। इस दौरान कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए है। लेकिन एक से दो साल तक इस कार्य को पूरा करने में अभी समय लग सकता है। यही वजह है कि यात्रियों को ट्रेनों में सीटें नहीं मिल पाती और सबसे बड़ी दिक्कत त्यौहारी सीजन में आती है जब अत्यधिक यात्री सफर करने के लिए निकलते हैं और उस कारण ट्रेन फुल हो जाती है। यानि 460 सीटें बढ़ेंगी इन सीटो के बढ़ने से खासकर यात्रियों को अधिक लाभ मिलेगा।
स्टेशन अधीक्षक करतार सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि अभी चार प्लेटफार्म है और तीन नंबर प्लेटफार्म को छोड़कर अन्य प्लेटफार्म पर 18 बोगी की क्षमता नही है। हालांकि उपासना एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन 17 बोगी और शताब्दी प्रतिदिन 16 बोगी के लेकर प्लेटमार्फ नंबर तीन पर आती है। लगभग एक माह से उपासना एक्सप्रेस 18 बोगी के साथ आ रही है। इसी तरह अन्य गाड़ियां भी अगले वर्षो में सभी प्लेटफार्म पर 18 बोगी के साथ चलेगी। जिससे यात्रियों को आने जाने में सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्लेटफार्म की क्षमता नही होने के कारण गाड़ियों की बोगी हरिद्वार में कम कर दी जाती है।