बे-सहाराओं के लिए बने रेनबसेरे खुद सहारे को तरसे

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उधमसिंहनगर, ठंड का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में असहाय, निराश्रित व बाहर से आने वाले लोगों के लिए सरकार ने रैन बसेरे तो बना दिए लेकिन इनमें बेसहारों को सहारा नहीं मिल पा रहा है। कारण कि रैन बसेरों में तो कहीं ताले लटके हैं तो कहीं इनका अभी तक प्रयोग ही शुरू नहीं हो पाया। जनपद उधमसिंहनगर में जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, सितारगंज, किच्छा आदि शहरों में रैन बसेरे में लोगों के लिए सुविधाएं ही नहीं है जहां सुविधाए है भी तो व्यापाक प्रचार प्रसार ना होने के कारण यहां कोई आता ही नहीं है।

कहीं रैनबसेरा में बेड व बिस्तर, बिजली, पानी व शौचालय की निश्शुल्क व्यवस्था है, लेकिन इसका प्रयोग बहुत कम हो पाता है। गरीब, असहाय, बेघर या दूरदराज से इलाज कराने आए लोग ही कभी कभी यहां रुकते हैं। इसके अलावा कभी खेल  प्रतियोगिताओं के लिए बाहर से प्रतिभागी आते हैं तब वे रैनबसेरा में रहते हैं।

रैनबसेरा का पूर्ण उपयोग न होने का एक कारण यह भी है कि अधिकांशत: यह बंद रहता है। रैनबसेरा की देखरेख के लिए नियुक्ति सुपरवाइजर व स्वच्छक भी यहां से अक्सर गायब ही रहते हैं। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि हॉस्पिटल, थाना, कोतवाली, तहसील आदि मुख्य स्थानों में रैनबसेरा की जानकारी दी गई है तथा संपर्क नंबर दिए गए हैं। संपर्क करने पर ऐसे लोगों को रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।