ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन की सांध्य आरती ने धर्म नगरी को विश्वभर में पहचान दिलाई है। आरती के दौरान दिखाई देती है मिनी इंडिया की झलक। देश के विभिन्न प्रांतो से आए सैलानियों के साथ साथ समुन्दर पार से आए विदेशी पर्यटक भी रोजाना बड़ी संख्या में आरती में शामिल होते हैं।
राजनेताओं, फिल्मों सितारों और विभिन्न क्षेत्रों की नामचीन हस्तियों को वर्षो से गंगा आरती की दिव्यता अभिभूत करती रही है। अभी तक गंगा आरती के नाम पर केवल हरिद्वार मे हर की पैड़ी पर होने वाली आरती ही याद आती थी, लेकिन अब हरिद्वार की ही तरह परमार्थ निकेतन की सांध्य आरती ने भी गंगा भक्तों के बीच अपनी आलौकिक छवि कायम कर ली है। आरती की दिव्यता में नजारा कुछ इस तरह का होता कि हर किसी के मुख से एक ही बात निकलती है, धरती का स्वर्ग बस यही हैं। तीर्थ नगरी ऋषिकेश यूं तो साधु संतो की तपोभूमि के रूप में पहचानी जाती है, लेकिन गंगा पार परमार्थ निकेतन के परम अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने करोड़ों देशवासियों की आस्था का प्रतीक माने जाने वाली गंगा के प्रति अपनी आस्था और विजन के जरिये गंगा आरती को अंतरराष्ट्रीय पटल पर एक विशिष्ट पहचान दिलाने का काम किया है।