मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के अंतर्गत गठित पहले राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की। कहा कि, “जिन जिलों में लगातार बेटियों की संख्या कम हो रही है, वहां विशेष फोकस करने की जरूरत है। राज्य के हर आंगनवाड़ी केंद्र पर गुड्डा गुड्डी बोर्ड लगाए जाएं। इस बोर्ड पर नियमित रूप से जन्म लेने वाले बालक और बालिका की संख्या दर्ज की जायेगी।इसके अलावा गर्भवती माताओं की भी प्रसव होने तक ट्रैकिंग की जाय।”
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों से कहा कि लिंग अनुपात को दुरुस्त करने के लिए समाज में जन जागरूकता फैलाएं। लोगों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लिए जागरूक करना होगा। जागरूकता के अभिनव तरीके अपनाएं। आशा कार्यकर्ती, गुड्डा गुड्डी बोर्ड और अस्पतालों में हुए संस्थागत प्रसव के लिंग अनुपात के आंकड़ों का मिलान करें। थर्ड पार्टी से इसे तस्दीक कराएं ।
प्रमुख सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत राज्य के पांच जनपदों पिथौरागढ़, चम्पावत, चमोली, देहरादून और हरिद्वार को भारत सरकार द्वारा चुना गया है । 65 लाख रुपये सभी पांचों जनपदों को पहले चरण में दिए गए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि वे लगातार अल्ट्रा साउंड केंद्रों का निरीक्षण करें। पीएनडीटी एक्ट के अनुसार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। स्वास्थ्य, शिक्षा और गृह विभाग के साथ समन्वय कर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लिए कार्य करें।।