देहरादून। ऊर्जा निगम ने लंबित कनेक्शन की रिपोर्ट देने के लिए यूईआरसी से हफ्तेभर का वक्त मांगा था। लेकिन अभी तक भी रिपोर्ट नहीं दी गई है। उपभोक्ता सेवाओं से जुड़े मामलों की दो जनवरी को सुनवाई है, इसमें यूईआरसी कड़ी फटकार लगा सकता है। साथ ही यूपीसीएल उच्चाधिकारियों पर व्यक्तिगत जुर्माना आरोपित करने का कड़ा फैसला भी लिया जा सकता है।
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में लंबित कनेक्शन की रिपोर्ट उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) को एक बार भी नहीं दी है। जबकि, हर महीने लंबित कनेक्शन की रिपोर्ट देने की व्यवस्था है। इसके हिसाब से जुर्माने का निर्धारण होता है। साथ ही यूईआरसी समीक्षा करता है कि समय पर कनेक्शन देने की व्यवस्था सुधर रही है या नहीं। बता दें कि कनेक्शन जारी करने में देरी पर ऊर्जा निगम पर वर्ष 2009 से 2015 तक छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगा। जबकि, वर्ष 2016 से 2017 तक आठ करोड़ रुपये जुर्माना लगा। वहीं, यूईआरसी ने अप्रैल में पिछले तीन महीने की रिपोर्ट तलब की थी। इसमें ऊर्जा निगम ने जो आंकड़े पेश किए थे, उन्हें आयोग ने झूठा करार देते हुए कड़ी फटकार भी लगाई थी। इसके बाद से यूईआरसी को रिपोर्ट ही नहीं भेजी गई। यूईआरसी के सचिव नीरज सती ने बताया कि उपभोक्ताओं को समय पर कनेक्शन नहीं मिलने की शिकायतें लगातार आयोग को मिल रही है। लंबित कनेक्शन की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने को भी गंभीरता से लिया जाएगा। क्योंकि, निगम ने 20 दिसंबर को नोटिस जारी होने के बाद विलंब का कारण न बताते हुए एक सप्ताह का वक्त मांगा था।