गोपेश्वर, औली में फिस रेस के लिए सबकुछ तो तैयार हो गया। अब स्कीइंग के लायक कृतिम बर्फ बन भी पा रही है या नहीं अथवा आसमान से बर्फ गिरने की कितनी संभावना है, इस सब को जांचने के लिए फेडरेशन आफ स्कींइग की एक विशेष टीम पांच जनवरी को औली पहुंच रही है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह टीम फिस रेस के लिए जमीनी हकीकत और बर्फ की जांच करेगी। टीम में विशेषज्ञ शामिल होंगे। ज्ञात रहे कि औली में 15 से 21 जनवरी तक फिस रेस का आयोजन होना है। पहाड़ में अभी इस मौसम की चुनिंदा दिनों में बर्फ गिरी है और मौसम विभाग ने भी फिलहाल बर्फ गिरने की संभावनाएं नहीं जतायी हैं। औली में मशीन से कृतिम बर्फ बनाने के दो बार ट्रायल तो सफल रहा है पर इससे इतनी बर्फ नहीं बन पा रही है कि रेस हो सके।
दूसरी बार होगा औली में अंतराष्ट्रीय स्तर के गेम्स
सात साल बाद एशिया में स्कीइंग की सबसे बेहरीन ढलानों में से एक औली की ढलान पर दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग प्रतियोगिता का आयोजन होने जा रहा है। वर्ष 2010-11 में यहां सेफ विंटर गेम्स का आयोजन हुआ, जिसमें दक्षिण एशिया के सात देशों के खिलाड़ी शामिल हुए थे। अबकी बार 15 से 21 जनवरी तक औली में फिस रेस का आयोजन होगा। फेडरेश आफ इंटरनेशनल रेस के इस आयोजन में 15 से अधिक देशों के स्कीयर्स शामिल होंगे। जिस तरह से तैयारियां चल रही हैं, उसे देख उम्मीदों का पंख तो लग रहे है पर अब सब कुछ प्रकृति पर निर्भर है कि वह आसमान से कितनी बर्फ गिराती है।