गोपेश्वर, आजकल चमोली जिले के विभिन्न गांवों में पौराणिक पांडव व बग्डवाल नृत्यों की धूम मची है। चमोली के पीपलकोटी के नौरख गांव में 20 साल बाद व ग्राम सभा पाखी पांच साल बाद पौराणिक पांडव नृत्य का आयोजन किया जा रहा है तो वहीं बाटुला मायापुर में बग्डवाल नृत्य का आयोजन किया जा रहा है।
नौरख के पांडव सल्ला (चीड़ का पेड) लेने के लिए भनीर पाणी गये। जहां पीपलकोटी व्यापार संघ ने पांडवों का स्वागत किया गया। पौराणित मान्यता है कि जब पांडव एक वर्ष के अज्ञातवास में थे तो पांडवों ने अपने अस्त्र-शस्त्रों को चीड के पेड पर छुपा कर रख दिये थे जब अज्ञातवास पूरा हुआ तो भीम की मदद से पांडवों ने पूरा पेड ही उखाड कर ले आये। सल्ला की रात्रि को ही भीम व केशरीगढ के राजा का साला कीचक के बीच द्रोपदी को लेकर युद्ध होता है तो भीम कीचक का वद्ध किया जाता है।
वहीं दूसरी तरफ पाखी में बुधवार से पांडव लीला का आयोजन किया जाएगा। इधर बाटुला गांव में बग्डवाल नृत्य की धूम मची है। दूर-दराज के गांवों से पांडव व बग्डवाल नृत्य को देखने लोग पहुंच रहे है।a